देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) के एमडी और सीईओ राजेश गोपीनाथन ने कुछ दिनों पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि टाटा ग्रुप (Tata Group) से उनका नाता इतनी जल्दी नहीं खत्म होने वाला है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने टाटा ग्रुप के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि टाटा सन्स (Tata Sons) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 15 सितंबर के बाद एडवाइजरी के रोल के लिए उनसे बातचीत की है। हालांकि टाटा सन्स और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
15 सितंबर को समाप्त हो रहा नोटिस पीरियड
गोपीनाथन का नोटिस पीरियड 15 सितंबर को समाप्त हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक 15 सितंबर के बाद एडवायजरी के तौर पर गोपीनाथन को कंपनी से जुड़े रखने के लिए चंद्रशेखरन ने बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि गोपीनाथन ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि टाटा ग्रुप में एडवायजरी की भूमिका के लिए फिलहाल उनकी कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने इससे पूरी तरह इनकार भी नहीं किया था।
2017 में बने थे TCS के सीईओ
गोपीनाथन फरवरी 2017 में एन चंद्रशेखरन की जगह टीसीएस के सीईओ बने थे और चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बन गए। चंद्रशेखरन 2009 में टीसीएस के सीईओ बने थे और उन्होंने 2013 में गोपीनाथन को टीसीएस का सीएफओ बनाया था। दोनों ने मिलकर करीब 25 साल साथ काम किया है। गोपीनाथन के नेतृ्त्व में कंपनी का मार्केट कैप 7 हजार करोड़ डॉलर बढ़ गया और सेल्स भी 1000 करोड़ डॉलर बढ़ गया। दिसंबर 2022 तिमाही में तो टीसीएस ने 10846 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड प्रॉफिट कमाया। पिछले दो साल में टीसीएस की ब्रांड वैल्यू 2012 फीसदी बढ़कर 4550 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।