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Tata Group Stocks: 19% टूट गया यह टाटा शेयर, एक्सपर्ट्स ने घटा दिया टारगेट प्राइस, आपके पास है?

Tata Group Stocks: अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के दबाव में तो भारत समेत दुनिया भर के स्टॉक मार्केट बने हुए हैं। हालांकि टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों पर तो गोल्डमैन और मॉर्गन स्टैनले के एनालिस्ट्स के बेयरेश रुझान से दबाव बढ़ गया है। इसके चलते शेयर आज इंट्रा-डे में 19 फीसदी से अधिक टूट गए। जानिए इस बेयरेश रुझान की वजह और टारगेट प्राइस

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 07, 2025 पर 4:01 PM
Tata Group Stocks: 19% टूट गया यह टाटा शेयर, एक्सपर्ट्स ने घटा दिया टारगेट प्राइस, आपके पास है?
Tata Group Stocks: अमेरिकी टैरिफ की आंधी के बीच टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट (Trent) के शेयरों पर एक्सपर्ट्स के बेयरेश रुझान ने और दबाव बना दिया।

Tata Group Stocks: अमेरिकी टैरिफ की आंधी के बीच टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट (Trent) के शेयरों पर एक्सपर्ट्स के बेयरेश रुझान ने और दबाव बना दिया। बिकवाली के दबाव में यह 19 फीसदी से अधिक टूटकर यह एक साल के निचले स्तर के काफी करीब तक टूट गया जिस लेवल पर यह पिछले साल अप्रैल 2024 में था। आज बीएसई पर ट्रेंट के शेयर 14.76 फीसदी की गिरावट के साथ 4740.55 रुपये (Trent Share Price) पर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में यह 19.23 फीसदी टूटकर 4491.75 रुपये तक आ गया था।

Trent पर क्यों हैं ब्रोकरेजेज बेयरेश?

मार्च 2025 तिमाही के कारोबारी अपडेट और मार्केट में बिकवाली के दबाव के बाद ट्रेंट को लेकर गोल्डमैन सैक्स ने बेयरेश रुझान अपनाया है। उम्मीद से कमजोर सेल्स ग्रोथ पर गोल्डमैन ने इसका टारगेट प्राइस 7,500 रुपये से घटाकर 6,760 रुपये कर दिया है। मॉर्गन स्टैनले ने भी मार्च तिमाही के कारोबारी अपडेट को उम्मीद से कमजोर बताया। मार्च तिमाही में कंपनी की सेल्स सालाना आधार पर 28 फीसदी बढ़ी है जबकि दिसंबर तिमाही में यह 37 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी। मार्च तिमाही में कंपनी का स्टैंडएलोन ग्रास रेवेन्यू 4,334 करोड़ रुपये रहा जोकि मॉर्गन स्टैनले के 35 फीसतदी के नेट रेवेन्यू ग्रोथ के अनुमान से काफी कम रहा। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का ग्रास स्टैंडएलोन रेवेन्यू ग्रोथ 39 फीसदी रहा जबकि मॉर्गन स्टैनले का अनुमान 42% था।

गोल्डमैन का कहना है कि आमतौर पर मार्च तिमाही में ट्रेंट की सेल्स गिरती है लेकिन इस बार तिमाही आधार पर 9.7 फीसदी की गिरावट तो सामान्य से अधिक तेज रही। इससे या तो मांग में कमजोरी या इंवेंटरी हटाने के आक्रामक डिस्काउंटिंग के संकेत मिल रहे हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि कमजोरी का रुझान बना रह सकता है।

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