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Tata Motors के डीमर्जर के बाद PV और CV शेयरों की आपकी कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन क्या मानी जाएगी?

टाटा मोटर्स ने अपने बिजनेस को दो अलग कंपनियों-टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकर्स और टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स में बांट दिया है। इससे टाटा मोटर्स के शेयहोल्डर्स के डीमैट अकाउंट में दोनों कंपनियों के शेयर आ गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 13, 2025 पर 6:29 PM
Tata Motors के डीमर्जर के बाद PV और CV शेयरों की आपकी कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन क्या मानी जाएगी?
टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के शेयर 12 नवंबर को डिस्कवर्ड प्राइस से 28.5 फीसदी प्रीमियम के साथ 335 रुपये पर लिस्ट हुए।

टाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल्स कंपनी की लिस्टिंग शानदार रही। शेयर 12 नवंबर को डिस्कवर्ड प्राइस से 28.5 फीसदी प्रीमियम के साथ 335 रुपये पर लिस्ट हुए। टाटा मोटर्स ने अपने बिजनेस को दो अलग कंपनियों-टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकर्स और टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स में बांट दिया है। इससे टाटा मोटर्स के शेयहोल्डर्स के डीमैट अकाउंट में दोनों कंपनियों के शेयर आ गए हैं। सवाल है कि अगर दोनों कंपनियां डिविडेंड का ऐलान करती हैं तो टैक्स के लिहाज से आपके शेयरों की कॉस्ट क्या मानी जाएगी?

पेरेंट कंपनी के नेटवर्थ के ट्रांसफर का फॉर्मूला

नांगिया ग्रुप के पार्टनर अभीत सचदेवा के मुताबिक, इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी कंपनी का डीमर्जर होने पर पेरेंट कंपनी के आपके शेयरों की ऑरिजिनल कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन को डीमर्ज्ड (पुरानी) कंपनी और रिजल्टिंग (नई) कंपनी के बीच बांटा जाना चाहिए। इसके लिए एक फॉर्मूला है। आसान शब्दों में कहा जाए तो इसका मतलब यह है कि अगर पेरेंट कंपनी का नेटवर्थ 100 यूनिट्स मान लिया जाए और नई कंपनी में ट्रांसफर होने वाला एसेट्स 40 यूनिट्स है तो यह रेशियो 40:100 आता है। इसमें नई कंपनी में 40 फीसदी, जबकि पुरानी कंपनी में 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी।

पेरेंट कंपनी के एक शेयर पर सीवी कंपनी का एक शेयर एलॉट

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