Tata Motors DVR के शेयर की कीमतों में 26 जुलाई को 13 फीसदी से ज्यादा उछाल आया। टाटा मोटर्स के बोर्ड ने 25 जुलाई को डिफरेंशियल वेटिंग राइट्स (DVRs) शेयरों को कैंसिल करने के प्रस्ताव को एप्रूव कर दिया था। बोर्ड ने इसकी जगह आर्डिनरी शेयर देने का फैसला किया है। इस स्कीम के तहत कंपनी प्रत्येक 10 DVR के बदले 7 आर्डिनरी शेयर देगी। इनमें से हर शेयर की फेस वैल्यू 2 रुपये है। लास्ट क्लोजिंग प्राइस (7 आर्डिनरी शेयरों के लिए 4,476 रुपये और 10 DVRs के लिए 3,800 रुपये) के हिसाब से यह स्प्रेड 20 फीसदी डीवीआर के पक्ष में दिखाई देता है।
बाजार खुलने पर स्प्रेड घटा
हालांकि, 26 जुलाई को शेयर की कीमतें खुलने के तुरंत बाद स्प्रेड में कमी आई। सुबह 9:20 बजे टाटा मोटर्स के डीवीआर का प्राइस 423.55 रुपये था। यह पिछले क्लोजिंग प्राइस से 13 फीसदी ज्यादा है। अब डीवीआर के होल्डर्स के पक्ष में स्प्रेड सिर्फ 8 फीसदी रह गया है। उधर, Tata Motors के आर्डिनरी शेयर का प्राइस 654 रुपये था।
एनालिस्ट्स के मुताबिक, फ्रेश पॉजिशन लेने के लिए आइडियल स्प्रेड 15 फीसदी होना चाहिए। नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वाटिटेटिव रिसर्च के हेड अभिलाश पगाड़िया ने कहा कि अगर नियर टर्म में स्पेर्ड 8-10 रहता है तो मौजूदा शेयर स्प्रेड होल्डर्स को अपनी पॉजिशन खत्म कर देनी चाहिए।
7 करोड़ डीवीआर शेयरों के सौदे
डीवीआर शेयरों में 31.7 करोड़ रुपये मूल्य के 7.06 करोड़ शेयरों में कारोबार हुआ। इसके बड़े शेयरहोल्डर्स में टाटा मोटर्स, वैनगार्ड इमर्जिंग मार्केट स्टॉक इंडेक्स, रेखा राकेश झुनझुनवाला, गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर और पोस्ट ऑफिस लाइफ इंश्योरेंस फंड शामिल हैं।
डीवीआर स्टॉक पर वोटिंग राइट्स आर्डिनरी शेयरों के मुकाबले 10 फीसदी होता है। लेकिन, इन्हें 5 फीसदी ज्यादा डिविडेंड पाने का अधिकार होता है। टाटा मोटर्स ने पहली बार ये शेयर 2008 में जारी किए थे। उसके बाद उसने 2010 में QIP और 2015 में राइट्स इश्यू में ये शेयर जारी किए थे। कंपनी के डीवीआर स्टॉक को खत्म करने से कंपनी के इक्विटी शेयरों में 4.2 फीसदी कमी आएगी। इससे सभी शेयरधारकों को फायदा होगा।
प्रोसेस में लग सकते हैं 15 महीने
DVRs को आर्डिनरी शेयरों में बदलने के प्रोसेस में करीब 12-15 महीनों का समय लगने की उम्मीद है। इस पर कैपिटल गेंस पर टैक्स भी लगेगा। टाटा मोटर्स के मैनेजमेंट ने यह जानकारी दी है। PWC इस ट्रांजेक्शन के लिए इंडिपेंडेंट रजिस्टर्ड वैल्यूएर है। सिटीग्रुप और एक्सिस कैपिचल फेयरनेस ओपिनियन प्रोवाइडर हैं। Cyril Amarchand Mangaldas टाटा मोटर्स की लीगल एडवाइजर है।