निफ्टी (Nifty) के बेहतर परफॉरमेंस करने वाले शेयरों में शुमार टाटा मोटर्स (Tata Motors) भी शुमार है। हालांकि Helios Capital के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा इसे लेकर बहुत पॉजिटिव नहीं दिख रहे हैं। निफ्टी 50 इस साल 7 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है जबकि टाटा मोटर्स के शेयर इस दौरान करीब 66 फीसदी मजबूत हुए हैं और इस साल अब तक निफ्टी का सबसे तेज चढ़ने वाला शेयर है। इसके शेयर नई गाड़ियों की लॉन्चिंग और इलेक्ट्रिक वेईकल (EV) सेगमेंट में लीडरशिप पोजिशन के चलते उछाल रही लेकिन समीर को लुभाने में यह नाकाम रही। वहीं कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स के विकास खेमानी इसे लेकर काफी पॉजिटिव हैं।
क्यों नहीं भा रहा Tata Motors
समीर अरोड़ा ने मनीकंट्रोल दिवाली पार्टी पर इसकी वजह भी बताई कि क्यों वह टाटा मोटर्स को नहीं पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि वे ऐसे कारोबार को नहीं पसंद करते हैं जिसमें कैपिटल एक्सपेंडिचर बहुत अधिक हो। पांच साल से इसमें सालाना 300 करोड़ डॉलर खर्च होते हैं और यह कोई नहीं बताता है कि इससे मिलेगा क्या? उनके कहने का मतलब है कि यह कोई बताता है कि अब खर्च बढ़ा है तो मार्जिन भी बढ़ेगा, कारों की बिक्री में हिस्सेदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स पहले भी कार बनाती थी और अब भी यह बना रही है लेकिन अब फर्क भी इतना ही आया है कि तेल से चलने वाली गाड़ियों से इलेक्ट्रिक वेईकल की तरफ शिफ्ट होने के लिए 1500 करोड़ डॉलर अलग कर दिए। कुल मिलाकर समीर अरोड़ा ऐसे कारोबार को पसंद ही नहीं करते हैं जिसमें भारी कैपिटल एक्सपेंडिचर बेहतरीन मार्जिन या मुनाफे की गारंटी न दे।
कुछ एक्सपर्ट्स हैं पॉजिटिव
हालांकि समीर अरोड़ा के रुझान से सभी सहमत नहीं हैं। कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स के विकास खेमानी का मानना है कि पिछले पांच साल में कंपनी ने बहुत शानदार परफॉरमेंस किया है। विकास का कहना है कि कॉमर्शियल वेईकल मार्केट सेगमेंट में टाटा मोटर्स का दबदबा बढ़ रहा है और पैसेंजर गाड़ियों के मामले में पिछले तीन साल से लगातार मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक वेईकल सेगमेंट में भी यह सबसे बड़ी कंपनी है। इस साल यह 200 करोड़ डॉलर का फ्री कैश फ्लो जेनेरेट करेगी और अब कंपनी का लक्ष्य है कि दो से तीन साल में यह कर्ज मुक्त हो जाएगी। विकास के मुताबिक यह कंपनी कभी पूरी तरह से निगेटिविटी से घिरी हुई थी लेकिन अब यह एकाएक गुलजार हो गई है।
रेटिंग एजेंसी का क्या कहना है
टाटा मोटर्स को लेकर रेटिंग एजेंसियों के रुझान की बात करें तो मूडीज (Moody's) ने इसकी कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग को बी1 से बढ़ाकर बीए3 कर दिया है। इसके अलावा मूडीज ने एक साल में मजबूत वित्तीय स्थिति के चलते जगुआर लैंड रोवर (JLR) की कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग को भी बढ़ाकर बीए3 कर दिया है। जगुआर लैंड रोवर की टाटा मोटर्स के रेवेन्यू में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी है। पिछली चार तिमाहियों में इसने अपना प्रोडक्शन तेजी से बढ़ाया है। टाटा मोटर्स की योजना 2025 तक कम से कम 10 ईवी मॉडल पेश करने की है। जगुआर लैंडर रोवर पहले ही ईी पेश कर चुकी है और इतनी पॉपुलर भी हो चुकी है कि महीनों तक के लिए ऑर्डर्स पेंडिंग हैं।
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