Tata Motors Stocks: बीते एक साल में 31 फीसदी टूटा स्टॉक, क्या अभी इनवेस्ट करने पर होगी तगड़ी कमाई?

Tata Motors Stocks: टाटा मोटर्स के लिए शॉर्ट टर्म में चुनौतियां दिख रही हैं। ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता को देखते हुए Jaguar Land Rover (JLR) ने FY26 के लिए EBIT मार्जिन का गाइडेंस घटाकर 5-7 फीसदी कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 8.5 फीसदी था। Tata Motors ने फ्री कैश फ्लो में भी तेज गिरावट का अनुमान जताया है

अपडेटेड Jun 18, 2025 पर 11:36 AM
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जेएलआर के लिए चीन में चुनौतियां बनी हुई हैं। इसकी वजह कमजोर डिमांड है।
     
     
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    टाटा मोटर्स का शेयर बीते एक साल में 31.40 फीसदी टूटा है। पिछले 4 सत्रों में यह 9 फीसदी गिरा है। इसकी बड़ी वजह जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) का वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कमजोर गाइडेंस है। हालांकि, बीते 5 सालों में जेएलआर के बिजनेस में मजबूती दिखी है। इसकी बैलेंसशीट में भी इम्प्रूवमेंट है। इससे कंपनी को शॉर्ट टर्म में दिख रही अनिश्चितता का सामना करने में मदद मिलेगी।

    अगले वित्त वर्ष से फ्री कैश फ्लो में दिख सकती है रिकवरी

    ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता को देखते हुए Jaguar Land Rover (JLR) ने FY26 के लिए EBIT मार्जिन का गाइडेंस घटाकर 5-7 फीसदी कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 8.5 फीसदी था। Tata Motors ने फ्री कैश फ्लो में भी तेज गिरावट का अनुमान जताया है। पिछले वित्त वर्ष में 1.5 अरब पाउंड के फ्री कैश फ्लो के मुकाबले इस वित्त वर्ष में यह जीरो रह सकता है। हालांकि, लंबी अवधि के लिहाज से मैनेजमेंट की सोच पॉजिटिव है। टाटा मोटर्स का मानना है कि FY27 की शुरुआत से फ्री कैश फ्लो में रिकवरी दिख सकती है। आगे EBIT मार्जिन भी 10 फीसदी पर आ जाएगा। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि ऐसा कब तक होगा।


    US-UK ट्रेड डील का फायदा मिल सकता है

    अमेरिका और इंग्लैंड ने एक ट्रेड डील की है। इसके तहत इंग्लैंड अपने यहां बनी 1,00,000 गाड़ियां हर साल अमेरिका एक्सपोर्ट कर सकेगा, जिस पर टैरिफ सिर्फ 10 फीसदी होगा। यह 27.5 फीसदी टैरिफ से काफी कम है। लेकिन, ट्रेड वॉर शुरू होने से पहले के 2.5 फीसदी टैरिफ से ज्यादा है। हालांकि, Defender और Discovery जैसे Land Rover के मॉडल्स पर अगले नोटिस तक 27.5 फीसदी टैरिफ लागू होगा।

    चीन में कमजोर डिमांड ने बढ़ाई मुश्किल

    जेएलआर के लिए चीन में चुनौतियां बनी हुई हैं। इसकी वजह कमजोर डिमांड है। हालांकि, कंपनी ने चीन में सेल्स बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उसने जेएलआर के ज्वाइंट वेंचर को फ्रीलैंडर का लाइसेंस दिया है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पहले फ्रीलैंडर के बाजार में आ जाने की उम्मीद है। अगर चीन में जेलआर की सेल्स बढ़ती है तो इसका पॉजिटिव असर ग्रोथ पर पड़ सकता है।

    रेयर अर्थ मिनरल्स की कमी का पड़ेगा असर

    इंडिया में भी पैसेंजर व्हीकल्स (PV) की डिमांड कमजोर है। खासकर शहरों में डिमांड में सुस्ती दिख रही है, जो कंपनी के लिए एक बड़ी चिंता है। रेयर अर्थ मैगनेट्स की कमी ने कंपनी के लिए मुश्किल और बढ़ा दी है। टाटा मोटर्स ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन, Maruti Suzuki ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल E-Vitara के प्रोडक्शन के टारगेट को घटा दिया है। एक समय टाटा मोटर्स की ग्रोथ में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बड़े योगदान का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन, अब कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट दिखी है।

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    क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

    पैसेंजर व्हीकल्स की ग्रोथ इस फाइनेंशियल ईयर में कमजोर रहने की उम्मीद है। यह सिंगल डिजिट में रह सकती है। हालांकि, कमर्शियल व्हीकल्स (CV) की ग्रोथ अच्छी रह सकती है। Sum-of-the-parts (SOTP) के आधार पर टाटा मोटर्स के स्टॉक्स में 9.9 फीसदी तेजी की उम्मीद दिख रही है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में चुनौतियां बरकरार है। लेकिन, अनिश्चितताओं का सामना करने और फिर से मजबूती के साथ उभरने के मामले में कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है। Tata Motors के स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल्स को देखते हुए इनवेस्टर्स लंबी अवधि के लिहाज से इस स्टॉक में निवेश बढ़ा सकते हैं।

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