Tata Tech IPO: टाटा ग्रुप (Tata Group) की टाटा टेक (Tata Tech) ने जब 13 मार्च 2023 को बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास आईपीओ के लिए ड्राफ्ट फाइल किया था, तो मार्केट की धड़कनें बढ गई। 19 साल बाद टाटा की कोई कंपनी लिस्ट होने की तैयारी कर रही है तो यह मार्केट की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। 19 साल पहले टीसीएस का आईपीओ जुलाई 2004 में आया था तो इसने तहलका मचा दिया था और 25 अगस्त 2004 को यह 26.6 फीसदी प्रीमियम यानी 1076 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था। उसके बाद से टीसीएस ने न सिर्फ डिविडेंड बल्कि बोनस शेयरों के जरिए भी शेयरहोल्डर्स को जमकर फायदा पहुंचाया है। ऐसे में टाटा टेक को लेकर भी बाजार काफी उत्साहित है।
टाटा टेक आईपीओ का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) का होगा। सेबी के पास दाखिल ड्राफ्ट के मुताबिक इस आईपीओ के जरिए ओएफएस विंडो के तहत 9.57 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी जिसमेंसे 8.11 करोड़ शेयर टाटा मोटर्स (Tata Motors) बेचेगी। इसके अलावा अल्फा टीसी होल्डिंग्स अपने हिस्से के 97.2 लाख और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 अपनी होल्डिंग से 48.6 लाख शेयरों को बेचेगी। अब इनके हिस्सेदारी की बात करें तो टाटा टेक में टाटा मोटर्स की 74.69 फीसदी, अल्फा टीसी की होल्डिंग्स की 7.26 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की 3.63 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स को इसके शेयर 7.40 रुपये के औसत भाव, अल्फा टीसी होल्डिंग्स को 25.10 रुपये और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 को 25.10 रुपये के औसत भाव पर इसके शेयर मिले थे।
कंपनी क्या करती है और इसकी सेहत कैसी है
टाटा टेक एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन और कंस्ट्रक्शन हैवी मशीनरी समेत अन्य इंडस्ट्री में दुनिया भर की ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स (OEM) को डिजिटल और प्रोडक्ट डेवलपमेंट सॉल्यूशन्स मुहैया कराती है। इसके 11081 एंप्लॉयीज हैं जिसमें 920 कांट्रैक्ट पर हैं। दुनिया भर में इसके 18 डिलीवरी सेंटर्स हैं जिसमें मुख्यालय पुणे में है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2022 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 2607.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 3011.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 331.3 करोड़ रुपये से उछलकर 407.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022 में इसे 3529.6 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रेवेन्यू हासिल हुआ था और 437 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल हुआ था।
टीसीएस के शेयर आईपीओ निवेशकों को 850 रुपये के भाव पर जारी हुए थे और 25 अगस्त 2004 को इसने घरेलू मार्केट में एंट्री मारी थी। लिस्टिंग के बाद से इसने 2006, 2009 और 2018 यानी तीन बार बोनस शेयर बांटा है और हर बार रेश्यो 1:1 रहा है। अब स्टॉक स्प्लिट की बात करें तो इसके शेयर तीन बार- 2006, 2009 और 2018 में स्प्लिट हुए हैं। इन सबको मिलाकर बात करें तो इसका एडस्टेड प्राइस के हिसाब से यह करीब 19 साल में 120 रुपये के आसपास से अब तक तक 3500 रुपये के करीब पहुंच चुका है यानी इसने 2800 फीसदी से अधिक अब तक रिटर्न दिया।
ध्यान दें कि इसमें डिविडेंड का आंकड़ा (TCS Dividend History) शामिल नहीं है। डिविडेंड के मामले में इसका रिकॉर्ड अब तक शानदार रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2023 की ही बात करें तो इसने 115 रुपये डिविडेंड बांटा था और जिस वित्त वर्ष यानी 2003-04 में लिस्ट हुई थी, उस वित्त वर्ष के लिए इसने 11.50 रुपये का डिविडेंड बांटा था।