खतरे में है भारतीय शेयर बाजार का 'सुपरहिट' दौर, चीन बन रहा नया खलनायक: दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा

दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा (Shankar sharma) का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार को इस समय चीन से चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से भारत का शेयर बाजार सभी को पछाड़ते हुए पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा था। हालांकि चीन के मार्केट में अचनाक आई हालिया उछाल ने अब इस रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि आगे भी उन्हें भारत बनाम चीन की रेस जारी रहते हुए दिख रही है

अपडेटेड Nov 05, 2024 पर 10:47 AM
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शंकर शर्मा (Shankar sharma) ने चाइनीज शेयर मार्केट को क्लासिकल '4 AM दांव' बताया है

दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा (Shankar sharma) का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार को इस समय चीन से चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से भारत का शेयर बाजार सभी को पछाड़ते हुए पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा था। हालांकि चीन के मार्केट में अचनाक आई हालिया उछाल ने अब इस रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि आगे भी उन्हें भारत बनाम चीन की रेस जारी रहते हुए दिख रही है। शंकर शर्मा ने मंगलवार 5 नवंबर को एक दिलचस्प ट्वीट के जरिए अपनी बातों को समझाने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, "भारतीय शेयर बाजार की समस्या यह है कि पिछले 3 सालों से यह 1970 से 1973 के बीच राजेश खन्ना की तरह व्यवहार कर रहा था: लगातार 14 सुपर हिट। वह भी बिना किसी कॉम्पिटीशन के। फिर यूपी का एक 'भैया' आया, यह एक क्लासिकल '4 AM दांव' था। और फिर "नमक हराम" की रिलीज ने अचानक इसे 2 घोड़ों की रेस बना दिया। आज शेयर बाजार के लिए वह भैया चीन है।"

"नमक हराम" साल 1973 में आई एक मूवी थी, जिसमें राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने साथ काम किया था। इस फिल्म के बाद से ही अमिताभ बच्चन ने राजेश खन्ना के स्टारडम को चुनौती देनी शुरू कर दी थी।


शंकर शर्मा के ट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं-

बता दें कि '4 AM दांव', शंकर शर्मा की एक निवेश स्ट्रैटजी है। मनीकंट्रोल से कुछ समय पहले बात करते हुए शंकर शर्मा ने अपने '4 AM निवेश मॉडल' के बारे में विस्तार से बात की थी।

उन्होंने कहा, "मेरा 4 AM मॉडल एक बेहद हाई रिस्क और हाई रिटर्न वाला मॉडल है। मैं इसे लिस्टेड कंपनियों में VC के तरह के निवेश के बराबर मानता हूं, जहां कोई व्यक्ति VC की तरह रिटर्न कमा सकता है लेकिन कई मामलों में यह निवेश पूरी तरह डूब भी सकता है। 4 AM निवेश मॉडल के कई कंपोनेंट्स हैं।"

शंकर शर्मा ने कहा, "पहला, स्टॉक को अपने लॉन्ग टर्म निचले स्तर के पास कारोबार करना चाहिए। दूसरा, उस शेयर का अपने सेक्टर में वेटेज न्यूनतम होना चाहिए। इसका एक अच्छा उदाहरण टाटा मोटर्स है, जिसका वेटेज साल 2015 के करीब ऑटो सेक्टर में सबसे कम था। इसी तरह 2009 में प्राइवेट बैंकों में इंडसइंड बैंक का वेटेज सबसे कम था।

दिग्गज निवेशक ने कहा, "तीसरा, उम्मीद की कुछ किरणें दिखनी चाहिए। यानी कि ताजा तिमाही आंकड़ों में कुछ सुधार दिखना चाहिए। मान लीजिए कि रेवेन्यू के मोर्चे पर। शुरुआती उत्पाद लॉन्च वगैरह से कुछ अच्छी प्रतिक्रिया मिलनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "चौथी अहम बात यह है कि दलाल स्ट्रीट की राय उस स्टॉक पर एकसमान रूप से नेगेटिव होनी चाहिए। साल 2015-16 में वॉल स्ट्रीट के अधिकांश हिस्से में Twitter पर लगभग $9 की बिक्री हुई थी। मैंने तब इसे खरीदा और आखिरकार कुछ साल बाद इसे 40+ पर बेच दिया।"

शंकर शर्मा ने कहा, "इस सबके अलावा निवेश की गई राशि का साइज सबसे अहम है और यहीं पर अधिकतर निवेशक, खासकर छोटे निवेशक, गलत हो जाते हैं। वे ऐसे हाई रिस्क वाले शेयर में बहुत बड़ा आवंटन करते हैं। याद रखें कि सुबह 4 AM का मतलब यह नहीं है कि सभी स्टॉक के लिए दिन का उजाला होगा। कई स्टॉक के लिए 4 AM हमेशा, 4 AM ही रह सकता है और उनमें कभी सुबह नहीं होगी। ऐसे में इस तरह के किसी भी दांव में अपनी पूंजी का 2 प्रतिशत से अधिक नहीं लगाना चाहिए और इस कैटेगरी के निवेश में कुल पूंजी का 20 प्रतिशत से अधिक नहीं लगाना चाहिए।"

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