FIIs की हाल में आई बिकवाली ने सभी को चौंकाया है। सब यही जानना चाहते हैं कि आखिर वो इतना क्यों बेच रहे हैं। इस सवाल का जवाब है Edelweiss के प्रेसिडेंट अजय शर्मा के पास। उन्होंने सीएनबीसी-आवाज़ से एक बेहद दिलचस्प इंटरव्यू में कहा कि रुपये की कमजोरी और कैपिटल गेंस टैक्स की वजह FIIS को उतने रिटर्न नहीं मिल रहे हैं। अजय शर्मा का ये भी मानना है कि IT कंपनियों के लिए आने वाला वक्त बड़े बदलाव का होगा। खासकर भारतीय कंपनियों के लिए काफी चैलेंजिंग माहौल हो सकता है। उन्होंने आवाज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि AI से क्रांतिकारी बदलाव आएंगे और ये हमारी IT कंपनियों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है।
एडेलवाइस के प्रेसिडेंट अजय शर्मा का मानना है कि सरकार ने इस बार के बजट में इनकम टैक्स राहत के तौर पर एक लाख करोड़ का स्टिमुलस दिया है। अब RBI की बारी है। उनका मानना है कि अगर RBI ने सस्ते कर्ज का तोहफा दिया तो सेंटिमेंट सुधरेंगे और प्राइवेट कैपेक्स बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि ये एक्शन का समय है आगे चलकर प्राइवेट कैपेक्स में बढ़ोतरी की उम्मीद दिख रही है।
अजय शर्मा ने इस बातचीत में निवेश का गुड टू ग्रेट, ग्रेट टू गुड फॉर्मूला भी बताया। एशियन पेंट का उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि बाजार के डायनमिक्स पर निवेशकों को हमेशा क्यों नजर रखनी चाहिए। उनका मानना है कि एशियन पेंट की आगे की राह मुश्किल भरी रह सकती है।
एशियन पेंट को पहली बार बिड़ला ग्रुप के रूप में पर बड़ी चुनौती मिली है। बिड़ला ग्रुप ने एक साथ पूरी इंडस्ट्री के 50 फीसदी के बराबर निवेश करके पूरा डायनामिक्स बदल दिया है। एशियन पेंट को बाजार में अपना दबदबा कायम रखने के लिए मार्जिन से समझौता करना पड़ सकता है। 2 साल पहले बिड़ला ग्रुप ने पेंट कारोबार में 10000 करोड़ रुपए डालने का एलान किया था। बिड़ला की एंट्री से सप्लाई 50 फीसदी बढ़ी है जबकि डिमांड 10-12 फीसदी ही बढ़ी है। ऐसे में एशियन पेंट जैसी कंपनियों को अपनी मार्केट शेयर बनाए रखने के लिए मार्जिन से समझौता करना होगा।
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