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मार्केट में यहां से और आ सकती है 5% की गिरावट, नई इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो अभी करें थोड़ा इंतजार: अभिषेक अग्रवाल

अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि बाजार में यहां से और 5 फीसदी गिरावट आ सकती है। ऐसे में नए निवेशकों को सलाह होगी कि अगर वह नई इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो अभी थोड़ा इंतजार करें।

अपडेटेड Nov 15, 2024 पर 12:41 PM
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नए निवेशकों को सलाह होगी कि अगर वह नई इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो अभी थोड़ा इंतजार करें।

Rockstud Capital के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं काफी पहले से कहता आया हूं कि बाजार हैवी लग रहा है जिसके चलते इस साल बाजार में करेक्शन जरुर देखने को मिलेगा। और बाजार की ये गिरावट जल्द रुकने वाली नहीं है। बाजार में यहां से और 5 फीसदी गिरावट आ सकती है। बाजार की गिरावट का ज्यादा असर हम मिड-स्मॉलकैप शेयरों पर देख सकते है। इस फाइनेंशियल ईयर में निफ्टी निगेटिव क्लोजिंग देगी। भारत से ज्यादा चीन के बाजारों के वैल्यूएशन अट्रेटिव लग रहे है। जिसके चलते एफआईआई का रूझान उस तरह भी मूड़ा है। ऐसे में नए निवेशकों को सलाह होगी कि अगर वह नई इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो अभी थोड़ा इंतजार करें।

डीआईआई के कारण नहीं टूटा ज्यादा बाजार

अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि भारतीय बाजार की कंपनियों में एफआईआई की ओनरशिप करीबन 17 फीसदी के आसपास है। वहीं डीआईआई की 16 फीसदी के पास आ गए है। ओनरशिप के मामले में डीआईआई, एफआईआई को पीछे छोड़ सकते है। एफआईआई की बिकवाली आगे भी जारी रहेगी। एफआईआई ने 2 फीसदी भी अपने होल्डिंग को ट्रिम कर दिया तो हमारे बाजार में इसका इपेक्ट बड़ा आ सकता है। वहीं डीआईआई की खरीदारी के कारण ही बाजार के 10 फीसदी करेक्ट हुआ है वरना बाजार 20-25 फीसदी करेक्ट होता।


रेट में कटौती कब होगी यह कहना मुश्किल

बढ़ती महंगाई पर बात करते हुए अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि महंगाई बढ़ना पॉजिटिव नहीं मानी जाती। इफ्लेशन ऐसी चीज नहीं है जिसी काबू में लाया जा सके। मॉनसून के बाद महंगाई दर में कटौती होनी चाहिए लेकिन यह भी चिंता की बात है अच्छे मॉनसून के बाद फेस्टिव सीजन में महंगाई का आना कहीं ना कहीं परेशानी की बात है। उन्होनें आगे कहा कि ग्लोबल बाजार में दरों में कटौती हो रही है लेकिन आरबीआई रेट में कटौती नहीं कर रहा। इसकी यह भी वजह हो सकती है शायद गर्वनर शक्तिकांता दास को लग रहा है कि बाजार में लिक्विडिटी सरप्लस (लिक्विडिटी ज्यादा) है। जब लिक्विडिटी ज्यादा होती है तभी इन्फलेशन बढ़ता है। यहीं वजह है कि आरबीआई रेट में कटौती कब करेंगे यह कहना अभी मुश्किल है।

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