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Market Correction: लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को डरने की जरूरत नहीं, अगले 5 साल के लिए कहां मौका है वो ढूंढें : अभय अग्रवाल

अभय अग्रवाल ने आगे कहा कि अगले 6 महीने में निवेशकों को निवेश करने के लिए काफी अच्छे मौके मिलेगे। लिहाजा लंबी अवधि के निवेशक डरे नहीं। भारतीय बाजार में एफआईआई का पैसा वापस आएगा। ऐसे में निवेशकों को अगले 5 साल के लिए कहां मौका है वो ढूंढें

अपडेटेड Nov 16, 2024 पर 12:22 AM
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अभय अग्रवाल ने आगे कहा कि अगले 6 महीने में निवेशकों को निवेश करने के लिए काफी अच्छे मौके मिलेगे।

बाजार के आगे के आउटलुक पर बात करते हुए Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल ने कहा कि कंपनियों के Q2 नतीजे अनुमान से खराब रहे है। बाजार इसलिए गिरा है क्योंकि भारतीय कंपनियों के अर्निंग ग्रोथ अच्छी नहीं थी। Q2 नतीजों के खराब होने का कारण यह भी है कि साइक्लिकल स्लोडाउन से निकल रही है। स्ट्रक्चरल स्लोडाउन कंज्मशन नहीं है। इकोनॉमी में कोविड-19 के बाद से जोरदार बढ़त देखने को मिली है। जिसके चलते यह 2-3 क्वाटंर में स्लोडाउन आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। ऐसे में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई इन्वेस्टर्स बाजार में फूली इन्वेस्टर्ड है तो वह फूली इन्वेस्टर्ड रहें।

6 महीने में निवेशकों को मिलेगा निवेश का अच्छा मौका

अभय अग्रवाल ने आगे कहा कि अगले 6 महीने में निवेशकों को निवेश करने के लिए काफी अच्छे मौके मिलेगे। लिहाजा लंबी अवधि के निवेशक डरे नहीं। बाजार में साइक्लिकल स्लोडाउन हर 4-5 साल में होते है जो निवेशकों को बेहतर निवेश के लिए मौके देते है। भारतीय बाजार में एफआईआई का पैसा वापस आएगा। ऐसे में निवेशकों को अगले 5 साल के लिए कहां मौका है वो ढूंढें, ना कि इस गिरावट को लेकर डरें।


अभय अग्रवाल ने आगे कहा कि इकोनॉमी में स्लोडाउन आने के बाद लोग अपने कंज्मशन के पैटर्न में बदलाव करते है। नेशनल लेवल ब्रांड से हटकर लोग लोकल ब्रांड की तरफ झुकाव करते है। ब्रिटानिया जैसे कंपनियां ये शिकायत कर रही है कि अर्बन स्लोडाउन है। ये स्लोडाउन सेक्टर का स्लोडाउन नहीं है। क्योंकि एक कंज्यूमर जितने बिस्कुट खाता है वह उतने ही बिस्कुट खाएंगा। फर्क इतना है कि वह पैसे बचाने के लिए लोकल ब्रांड के बिस्कुट खा रहा है।

कंज्यूमर ड्यूरेबल में स्लोडाउन आश्चर्कजनक

अभय अग्रवाल ने कहा कि कंज्यूमर ड्यूरेबल में स्लोडाउन आश्चर्कजनक है। खासकर ऑटोमोबाइल सेगमेंट में। ऑटोमोबाइल चैनल में डीलर्स के पास 80 दिन की इन्वेट्री है। इसका इपेक्ट यह होगा कि दिसंबर-जनवरी में ऑटो कंपनियां शर्टडाउन लेगी।हालांकि यह 2-3 तिमाहियों की बात जिसमें माल निकलेगा और वापस आएगा उसके बाद डीलर्स और SME फिर से कंज्मशन शुरु करेगे क्योंकि उनका पैसा इन्वेट्री में फंसे होने के कारण वह खुद कंज्यूम नहीं कर पाएगे। 6 महीने तक निवेशकों को थोड़ा सब्र करना होगा। इस समय बाजार में रैली करने के कोई ट्रिगर नहीं है।

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