Helios Capital के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा का कहना है कि बाजार में आई हालिया बिकवाली सिर्फ एक छोटा झटका नहीं है आगे हमें और दबाव देखने को मिल सकता है। CNBC TV-18 को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बाजार में 8-10 फीसदी की गिरावट और आती नजर आ सकती है। अगर यूएस फेड अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो आरबीआई की मुश्किल और बढ़ेगी।
आरबीआई को अपनी ब्याज दरों को अमेरिका के साथ मैच करने के लिए दरों में बढ़ोतरी करनी होगी। अगर आरबीआई ऐसा नहीं करती है तो रुपये पर और दबाव बनेगा। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते यूएस फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मौद्रिक नीतियों में और आक्रामकता लाने के संकेत दिए हैं। उसके बाद से पूरी दुनिया के शेयर बाजार बुरी तरह से लड़खड़ा गए। अधिकांश बिकवाली टेक्नोलॉजी शेयरों में देखने को मिली।
दलाल स्ट्रीट पर सबसे ज्यादा मार आईटी स्टॉक्स पर पड़ती नजर आई। निवेशकों का अनुमान है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से अमेरिका और यूरोप के विकसित देशों में ग्रोथ पर असर पड़ेगा और बड़ी-बड़ी कंपनियां आईटी पर अपना खर्च कम करेंगी। इस आशंका के चलते ही आईटी शेयरों की सबसे ज्यादा धुलाई हुई है। इस पर समीर अरोड़ा का कहना है कि हमको यहां से आईटी शेयरों के आउटपरफॉर्म करने की संभावना बहुत ही मुश्किल नजर आती है। आईटी शेयरों के अधिकांश कस्टमर यूरोप और अमेरिका में है और इन बाजारों में दबाव का असर आईटी शेयरों में दिखेगा।
बताते चलें कि इस साल अब तक निफ्टी आईटी इंडेक्स 27 फीसदी टूट चुका है। ग्लोबल मार्केट में तमाम चुनौतियां का असर आईटी शेयरों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। हालांकि आईटी कंपनियों के मैनेजमेंट ने उम्मीद जताई है कि उनके सेहत पर इसका बहुत ज्यादा बुरा असर नहीं पड़ेगा।
हाल ही में Zomato में खरीदारी करने वाले समीर अरोड़ा ने इस बातचीत में आगे कहा कि वे इस स्टॉक में बने रहेंगे। इस स्टॉक में इसके हाल के लो से काफी अच्छी बढ़त देखने को मिली है लेकिन यह पिछले कुछ हफ्तों से एक बार फिर ये 60 रुपये के आसपास फंसा नजर आ रहा है।
इस बातचीत में समीर अरोरा ने यह भी कहा कि वह खपत से जुड़े लो टिकट स्टॉक्स पर बुलिश है। अगर भारत में ब्याज दरें बढ़ती है तो इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो और रियल एस्टेट पर पड़ेगा। ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मॉल में जाने वालो , जूते और शादी -विवाह के कपड़े खरीदने वालों पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि भारतीय इकोनॉमी दुनिया की दूसरी इकोनॉमी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
समीर अरोरा ने यह भी कहा कि उनको कंज्यूमर ड्युरेबल स्टॉक्स पसंद नहीं है। हर कंपनी अवन, टीवी और टोस्टर बनाना चाहती है, इसकी भी एक सीमा है। बाजार में कुछ ही कंपनियां अपना पहचान बना सकती हैं।
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