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बाजार में जल्दी ही लौटेगी तेजी, अगले कुछ सालों में होगी जोरदार कमाई: क्रेडिट सुइस

लंबी अवधि के नजरिए से भारतीय बाजार में कई अच्छी थीम्स नजर आ रही हैं। इसमें कंजम्प्शन, आईटी और नई इकोनॉमी से जुड़े सेक्टर लंबी अवधि के नजरिए से विदेशी निवेशकों के लिए काफी अच्छे नजर आ रहे हैं

अपडेटेड May 25, 2022 पर 6:13 PM
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अगले कुछ सालों में भारतीय बाजार में डबल डिजिट अर्निंग ग्रोथ देखने को मिल सकती है। भारतीय इकोनॉमी को आगे अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर से ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में हो रहे शिफ्ट का भी फायदा मिलेगा

अक्टूबर 2021 के अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 15 फीसदी टूट चुके बाजार के लिए क्रेडिट सुइस की मई की निवेश रिपोर्ट ताजा हवा के एक राहत भरे झोंके की तरह आई है। इस गिरावट के बीच अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या बाजारों के लिए अभी और दर्द बाकी है? इस रिपोर्ट से इस सवाल का सुकून भरा जवाब मिलता है।

गौरतलब है कि कोविड -19 महामारी के बाद टाइट होती मॉनिटरी पॉलिसी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजारों और इकोनॉमी पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतें दुनिया भर की इकोनॉमीज के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। लेकिन क्रेडिट सुइस मई महीने के अपने इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट में ग्लोबल इक्विटी मार्केट को लेकर ओवरवेट है।

क्रेडिट सुइस चीन की रिकवरी को लेकर भी बुलिश है। भारतीय बाजार की बात करें तो CNBC-TV18 के साथ हुई बातचीत में क्रेडिट सुइस के सुरेश तांतिया (Suresh Tantia) ने कहा कि निश्चित तौर पर यह कहना मुश्किल है कि भारतीय बाजार का बॉटम बन चुका है क्योंकि कोई भी ऐसा अनुमान नहीं लगा सकता। लेकिन हमारा मानना है कि भारतीय बाजार अब अपने बॉटम के बहुत करीब है। यूएस मार्केट में भी अब तक 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जल्द ही भारतीय बाजार बॉटम आउट होता नजर आ सकता है।


उन्होंने आगे कहा कि जब भी इक्विटी मार्केट निम्न ब्याज दरों के दौर से निकलकर उच्च ब्याज दरों के दौर में जाता है तब उसमें इस तरह का पुलबैक (गिरावट) देखने को मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि इमर्जिंग मार्केट फंड मैनजरों के पोर्टफोलियो पर नजर डालें तो भारतीय बाजार में उनकी पोजिशन ओवरवेट नजर आ रही है।

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बाजार और इकोनॉमी पर बात करते हुए सुरेश तांतिया ने आगे कहा कि भारतीय इक्विटी मार्केट का आकर्षण इकोनॉमी की ग्रोथ संभावना में निहित है। हर किसी का यह मानना है कि भारतीय इकोनॉमी में अगले कुछ वर्षों में 8-9 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है और यह ग्रोथ डबल डिजिट में भी जाती नजर आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो अगले कुछ सालों में भारतीय बाजार में डबल डिजिट अर्निंग ग्रोथ देखने को मिल सकती है। भारतीय इकोनॉमी को आगे अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर से ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में हो रहे शिफ्ट का भी फायदा मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा 'मेरा मानना है कि विदेशी निवेशकों की रुचि भारत की इस ग्रोथ स्टोरी में ही है। लंबी अवधि के नजरिए से भारतीय बाजार में कई अच्छी थीम्स नजर आ रही हैं। इसमें कंजम्प्शन, आईटी और नई इकोनॉमी से जुड़े सेक्टर लंबी अवधि के नजरिए से विदेशी निवेशकों के लिए काफी अच्छे नजर आ रहे हैं'।

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