साल 2023 में खास सुर्खियों में रहे शेयरों में एक नाम अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की वेदांता (Vedanta Limited) का भी रहा। मेटल और माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड का शेयर 2023 में 22 प्रतिशत नीचे आया है। लेकिन इसके सुर्खियों में रहने की वजह बने तीन D। ये तीन D हैं- पेरेंट कंपनी पर कर्ज यानि डेट, घटता डिविडेंड और संभावित डिमर्जर (Debt, dwindling dividends, demerger)। वेदांता स्टॉक में घटते रिटर्न का यह लगातार दूसरा साल रहा। इससे पहले साल 2021 में शेयर की कीमत दोगुनी हुई थी।
सबसे पहले बात करते हैं कर्ज यानि डेट की। वेदांता लिमिटेड की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को वित्त वर्ष 2025 में लगभग 2 अरब डॉलर के बॉन्ड्स का रिपेमेंट करना है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, इन बॉन्ड्स सहित, कंपनी को अगले वित्त वर्ष में 3.6 अरब डॉलर का लोन रिपेमेंट करना है। आगामी बॉन्ड मैच्योरिटीज के लिए वेदांता की पेरेंट कंपनी का हाई लेवरेज और फंडिंग गैप, वेदांता लिमिटेड के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या है।
सितंबर के अंत में, वेदांता ग्रुप ने घोषणा की कि वह भारत में सूचीबद्ध इकाई को छह अलग-अलग इकाइयों में बांटेगा। ग्रुप का प्लान, एंटिटीज की मुख्य दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें बांटने की है। शेयरधारकों को वर्तमान में सूचीबद्ध वेदांता लिमिटेड के प्रत्येक शेयर के लिए, नई सूचीबद्ध एंटिटीज में से प्रत्येक का एक शेयर मिलेगा। मैनेजमेंट का कहना है कि डिमर्जर एंटिटीज के कॉर्पोरेट ढांचे को सरल बनाएगा, निवेशकों को अपनी पसंद की कमोडिटी में निवेश करने का विकल्प देगा और व्यक्तिगत इकाइयों को अपने रणनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म भी प्रदान करेगा।
दिलचस्प बात यह है कि एक दशक पहले जब समूह ने कंपनियों का विलय कर एक एंटिटी बनाई थी, तब भी यही तर्क दिया गया था। डिमर्जर प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अक्टूबर में एक बेस मेटल यूनिट को शुरू किया गया। वेदांता के शेयर के लिए 14 विश्लेषकों में से 7 ने 'बाय' रेटिंग दी है। वहीं 4 ने 'होल्ड' और 3 ने 'सेल' रेटिंग दी है।