डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों के यूजर्स की संख्या में जुलाई महीने में भी गिरावट जारी रही। देश की चार सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्मों- ग्रो (Groww), जीरोधा (Zerodha), एंजल वन (Angel One) और अपस्टॉक्स (Upstox) ने जुलाई में मिलकर करीब 6 लाख एक्टिव निवेशक खो दिए। साल 2025 के पहले छह महीनों में ही इन कंपनियों के करीब 20 लाख एक्टिव निवेशक कम हो चुके हैं।
केवल इन चार दिग्गज कंपनियों के ही नहीं, बल्कि मिराए एसेट कैपिटल, फोनपे वेल्थ, शेयरखान, कोटक सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल जैसी दूसरी प्रमुख ब्रोकिंग कंपनियों के क्लाइंट बेस में भी जुलाई में गिरावट देखी गई।
F&O ट्रेडिंग में गिरावट से बढ़ी मुश्किल
कुछ एनालिस्ट्स का यह भी कहना है कि निवेशकों का रुझान अब म्यूचुअल फंड्स, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) जैसे पेशेवर रूप से मैनेज होने वाले इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रहा है।
कुछ कंपनियों ने दिखाई ग्रोथ
जहां बड़ी कंपनियां निवेशक खो रही हैं, वहीं कुछ ब्रोकरेज इस ट्रेंड के विपरीत जा रहे हैं। SBI सिक्योरिटीज ने जुलाई में करीब 33,800 नए एक्टिव क्लाइंट जोड़े, जबकि पेटीएम मनी ने लगभग 22,100 और ICICI सिक्योरिटीज ने करीब 10,800 नए ग्राहक जोड़े। इनके अलावा आरित्य ब्रोकिंग, चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग, मनीवाइज फिनवेस्ट और जैनम ब्रोकिंग ने भी नए निवेशकों को जोड़ा।
अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो साल के बाकी महीनों में ब्रोकिंग सेक्टर में टॉप-4 खिलाड़ियों की पकड़ और कमजोर हो सकती है, जबकि कुछ मिड-साइज और बैंक-बेस्ड ब्रोकरेज इसका फायदा उठा सकते हैं।
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