Trade Setup Tips: ट्रेडिंग से पहले जान लें ये 15 प्वाइंट्स, मुनाफा कमाने में मिलेगी मदद
Trade Setup: पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार 20 सितंबर को घरेलू स्टॉक मार्केट में शानदार तेजी दिखी। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स Nifty 50 ताबड़तोड़ तेजी के साथ नए क्लोजिंग हाई पर पहुंच गया। वहीं बैंक निफ्टी की बात करें तो शुक्रवार को यह 1.4 फीसदी उछलकर 53,793के लेवल पर बंद हुआ। आज मार्केट में ट्रेडिंग से पहले इन 15 प्वाइंट्स पर गौर कर लें
तेज गिरावट के अगले दिन शुक्रवार को वोलैटिलिटी में कुछ तेजी दिखी। हालांकि अभी भी यह लोअर लेवल पर बना हुआ है और सभी अहम मूविंग एवरेज के नीचे बना हुआ है जो बुल्स के लिए पॉजिटिव संकेत है।
Trade Setup: पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार 20 सितंबर को घरेलू स्टॉक मार्केट में शानदार तेजी दिखी। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स Nifty 50 ताबड़तोड़ तेजी के साथ नए क्लोजिंग हाई पर पहुंच गया। शुक्रवार को यह 375 अंकों की तेजी के साथ 25,791 पर बंद हुआ। RSI और MACD से मजबूत संकेत मिल रहे हैं। मंथली F&O एक्सपायरी वीक में निफ्टी को 26 हजार के लेवल को पार करने के लिए जूझना पड़ सकता है। वहीं बैंक निफ्टी की बात करें तो शुक्रवार को यह 1.4 फीसदी उछलकर 53,793के लेवल पर बंद हुआ। आज मार्केट में ट्रेडिंग से पहले इन 15 प्वाइंट्स पर गौर कर लें।
1. Nifty 50 के लिए अहम लेवल
औसत से अधिक वॉल्यूम के साथ डेली चार्ट पर निफ्टी ने लॉन्ग बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया और इसने एक और कारोबारी सत्र में हायर हाई-हायर लो फॉर्मेशन बनाया। वीकली टाइमफ्रे में इसने तीन हफ्ते के कंजेशन जोन को ब्रेकआउट कर दिया और हायर हाई-हायर लो फॉर्मेशन के साथ बुल कैंडल बनाया। अहम लेवल की बात करें तो इसे 25830, फिर 25950 और फिर 26112 पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ सकता है तो डाउनसाइड इसे 25527, फिर 25428, और फिर 25266 के लेवल पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ा।
2. Bank Nifty के लिए अहम लेवल
औसत से अधिक वॉल्यूम के साथ डेली चार्ट पर बैंक निफ्टी ने बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया और इसने होरिंजेंटल रेजिस्टेंस ट्रेंडलाइन को पार कर दिया है। वीकली टाइमफ्रेम में भी इसने मजबूत बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया है। अहम लेवल की बात करें तो इसे 53888, फिर 54268, और फिर 54661 पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ सकता है तो डाउनसाइड इसे 53239, फिर 52996, और फिर 52604 के लेवल पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ा।
3. निफ्टी कॉल ऑप्शंस डेटा
मंथली ऑप्शंस डेटा के मुताबिक 92.08 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 27 हजार के लेवल पर सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट दिखी। शॉर्ट टर्म में निफ्टी के लिए यह अहम रेजिस्टेंस लेवल के तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद 26 हजार के स्ट्राइक पर 62.97 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स और 26,500 के स्ट्राइक पर 54.87 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स हैं। सबसे अधिक कॉल राइटिंग 25700 के स्ट्राइक पर दिखी जहां 14.9 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े जिसके बाद 26200 पर 14.11 लाख और 27,000 पर 12.29 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। सबसे अधिक अनवाइंडिंग 25,500 पर दिखी जिस पर 19.23 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स घटे। इसके बाद 25,400 पर 12.56 लाख और 26 हजार पर 7.2 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स घटे।
4. निफ्टी पुट ऑप्शंस डेटा
पुट साइड में बात करें तो 1.08 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 25 हजार के स्ट्राइक पर सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट है जो निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट लेवल है। इसके बाद सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट 75.05 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 25,500 के स्ट्राइक और 59.34 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स पर 24,500 के स्ट्राइक प्राइस पर है। सबसे अधिक पुट राइटिंग 25.700 के स्ट्राइक पर दिखी जिसमें 44.21 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। इसके बाद 25,600 के स्ट्राइक पर 38.32 लाख और 25,500 पर 33.03 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। वहीं पुट अनवाइंडिंग सबसे अधिक 25 हजार के स्ट्राइक पर दिखी जहां 8.15 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स कम हुए जिसके बाद 27 हजार के स्ट्राइक पर 29,450 कॉन्ट्रैक्ट्स कम हुए।
5. बैंक निफ्टी कॉल ऑप्शंस डेटा
मंथली ऑप्शंस डेटा के मुताबिक 22.57 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 54 हजार के लेवल पर सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट दिखी। शॉर्ट टर्म में बैंक निफ्टी के लिए यह अहम रेजिस्टेंस लेवल के तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद 55,000 के स्ट्राइक पर 18.64 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स और 53,500 के स्ट्राइक पर 14.05 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स हैं। सबसे अधिक कॉल राइटिंग 54,000 के स्ट्राइक पर दिखी जहां 3.24 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े जिसके बाद 53,800 पर 1.58 लाख और 54,600 पर 1.35 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। सबसे अधिक अनवाइंडिंग 53,000 पर दिखी जिस पर 8.62 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स घटे। इसके बाद 53,200 पर 7.58 लाख और 53,500 पर 7.13 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स घटे।
6. बैंक निफ्टी पुट ऑप्शंस डेटा
पुट साइड में बात करें तो 23.77 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 53,000 के स्ट्राइक पर सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट है जो निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट लेवल है। इसके बाद सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट 16.99 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ 52,500 के स्ट्राइक और 13.39 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स पर 53,500 के स्ट्राइक प्राइस पर है। सबसे अधिक पुट राइटिंग 53,500 के स्ट्राइक पर दिखी जिसमें 10.65 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। इसके बाद 53,400 के स्ट्राइक पर 5.97 लाख और 53,300 पर 5.34 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स बढ़े। वहीं पुट अनवाइंडिंग की बात करें तो ऐसी कोई खास एक्टिविटी नहीं दिखी।
7. फंड फ्लो (करोड़ रुपये)
8. पुट-कॉल रेश्यो (PCR Ratio)
मार्केट के मूड को भांपने वाला निफ्टी पुट-कॉल रेश्यो 20 सितंबर को 1.5 से उछलकर 1.26 पर उछल गया। पीसीआर में उछाल, या 0.7 से अधिक होने या 1 के पार पहुंचने का मतलब है कि ट्रेडप्स कॉल ऑप्शंस की बजाय पुट ऑप्शंस बेच रहे हैं जो मार्केट में बुलिश सेंटिमेंट के मजबूत होने का संकेत है। अगर यह रेश्यो 0.7 के नीचे आता है या 0.5 फीसदी की तरफ बढ़ता है तो इसका मतलब है कि कॉल में पुट की तुलना में अधिक बिक्री दिखती है जो मार्केट में बियरिश मूड का संकेत है।
9. India VIX
तेज गिरावट के अगले दिन वोलैटिलिटी में कुछ तेजी दिखी। हालांकि अभी भी यह लोअर लेवल पर बना हुआ है और सभी अहम मूविंग एवरेज के नीचे बना हुआ है जो बुल्स के लिए पॉजिटिव संकेत है। इंडिया वीआईएक्स यानी कि फियर इंडेक्स 2.57 फीसदी उछलकर 12.47 से 12.79 पर पहुंच गया।
10. लॉन्ग बिल्ड-अप (68 स्टॉक्स)
68 स्टॉक्स में लॉन्ग बिल्ड-अप दिखा। ओपन इंटेरेस्ट (OI) और प्राइस में तेजी लॉन्ग पोजिशंस में बिल्ड-अप का संकेत देता है।
11. लॉन अनवाइंडिंग (21 स्टॉक्स)
21 स्टॉक्स के ओपन इंटेरेस्ट और प्राइस में गिरावट दिखी जो लॉन्ग अनवाइंडिंग का संकेत है।
12. शॉर्ट बिल्ड-अप (35 स्टॉक्स)
भाव में गिरावट के साथ 35 शेयरों के OI में तेजी दिखी जो शॉर्ट पोजिशंस के बिल्ड-अप का संकेत है।
13. शॉर्ट-कवरिंग (59 स्टॉक्स)
59 स्टॉक्स के प्राइस में तेजी और ओआई में गिरावट दिखी जो शॉर्ट-कवरिंग है।
14. हाई डिलिवरी ट्रेड्स
यहां उन शेयरों की लिस्ट दी जा रही है जिनकी ट्रेडिंग से अधिक डिलिवरी ट्रेड हुई
15. F&O Ban: कौन से शेयर अंदर-बाहर?
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस बैन वाली लिस्ट में आरती इंडस्ट्रीज, बायोकॉन, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, जीएनएफसी, ग्रैन्यूल्स इंडिया, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, नाल्को, ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर, पंजाब नेशनल बैंक, आरबीएल बैंक और सेल बने हुए हैं। वहीं बिड़लासॉफ्ट बाहर हुए हैं। इस सूची में उन शेयरों को रखा जाता है जिनके डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट की 95 फीसदी के पार पहुंच जाते हैं।
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