अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों के इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। साथ ही रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदने के लिए भारत पर पेनल्टी भी लगाई गई है। टैरिफ और पेनल्टी 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से 31 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आने का डर है। फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जेम्स एंड ज्वैलरी, झींगा, न्यूक्लियर रिएक्टर्स और मशीनरी, टेक्सटाइल एंड अपैरल समेत कई सेक्टर्स के शेयर लुढ़क सकते हैं।
अमेरिका को निर्यात की जाने वाली दवाओं पर टैरिफ जीरो से बढ़कर 25% हो सकने की आशंका से सन फार्मास्युटिकल, ल्यूपिन और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज जैसी कंपनियों के शेयरों को बड़ा झटका लग सकता है। सीएनबीसी-टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दवा कंपनियों का आधे से ज्यादा निर्यात अमेरिका को होता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स, झींगा, जेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यातकों को 1 अगस्त से काफी दबाव का सामना करना पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 30% थी। अमेरिका को जेम्स एंड ज्वैलरी के कुल निर्यात में आधे से भी ज्यादा हिस्सा कटे और पॉलिश किए हुए हीरों का था। एक्सपोर्ट की कुल वैल्यू 5.6 अरब डॉलर रही। अमेरिका को बेचे जाने वाले इन प्रोडक्ट्स पर अब तक कोई टैरिफ नहीं था।
नए अमेरिकी टैरिफ घोषित होने के बाद गुरुवार को जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर की कंपनियों के शेयर लुढ़क सकते हैं। राजेश एक्सपोर्ट्स, टाइटन, कल्याण ज्वैलर्स जैसे शेयरों पर नजर रखें। सोने और चांदी की ज्वैलरी (प्लेन या जड़ाऊ) के मामले में 1 अगस्त से टैरिफ में बढ़ोतरी 19 प्रतिशत की होगी।
कामा ज्वैलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह का कहना है, "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 25% टैरिफ और रूस से हथियार और एनर्जी खरीद को लेकर पेनल्टी लगाने की घोषणा भारत के लिए एक बड़ा झटका है। अमेरिका, भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात के लिए एक अहम बाजार है। ऐसे में यह फैसला उन सेक्टर्स को बुरी तरह प्रभावित करेगा, जो निर्यात पर निर्भर हैं और जो देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। पिछले दो सालों से भारत की जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट की अस्थिरता के चलते पहले ही दबाव में है। अब ट्रंप की सत्ता में वापसी के साथ उनके अस्थिर और अस्पष्ट रुख के चलते भारतीय बाजार पर और असर देखने को मिल सकता है। आगे चलकर अमेरिका के साथ व्यापार गतिविधियां सुस्त रह सकती हैं। हालांकि, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अगस्त के अंत में होने वाली छठी बैठक के बाद स्थिति कैसे बदलती है, इस पर नजर रखना जरूरी होगा।"
श्रिंप सेक्टर के कौन से शेयरों पर दिख सकता है दबाव
वित्त वर्ष 2024 में भारत के कुल झींगा (Shrimp) निर्यात में से 41 प्रतिशत अमेरिका को हुआ। इस सेक्टर में अवंती फीड्स और एपेक्स फ्रोजन फूड्स के शेयरों पर 31 जुलाई को खास तौर पर नजर रहेगी। वर्तमान में, अमेरिका को भारत से झींगा निर्यात पर 17.7% की कस्टम ड्यूटी लगती है। अब यह बढ़कर 25% हो जाएगी।
टेक्सटाइल सेक्टर में कॉटन टेक्सटाइल और अपैरल के एक्सपोर्ट पर 1 अगस्त से टैरिफ में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होगी। कालीन, बुने हुए अपैरल और फैब्रिक के एक्सपोर्ट पर सबसे कम असर पड़ेगा। इसकी वजह है कि इन पर पहले से ही 15% से 20% के बीच टैरिफ लग रहा है। कुछ मामलों में, मौजूदा टैरिफ पहले से ही 20% से ज्यादा है। वेलस्पन लिविंग, अरविंद लिमिटेड और आलोक इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों पर नजर रखें।
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