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ट्रंप के आने से गिर जाएंगे इन कंपनियों के शेयर? भारत के 6 सेक्टर्स पर हो सकता है असर, जानें

20 जनवरी को भारत समेत ग्लोबल मार्केट्स के लिए एक खास दिन रहेगा। डोनाल्ड ट्रंप इसी दिन अपने दूसरे कार्यकाल के लिए व्हाइट में प्रवेश करने वाले हैं। नए कार्यकाल में ट्रंप की नीतिया क्या रहेंगी, यह दुनिया भर के निवेशकों और सरकारों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। खासतौर से भारत में ट्रंप की नीतियो का कम से कम 6 सेक्टर्स पर काफी असर पड़ने की उम्मीद की जा रही है

अपडेटेड Dec 26, 2024 पर 7:28 PM
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ट्रंप के नए कार्यकाल में इमिग्रेशन और H-1B वीजा को लेकर नीतियां सख्त हो सकती है

20 जनवरी को भारत समेत ग्लोबल मार्केट्स के लिए एक खास दिन रहेगा। डोनाल्ड ट्रंप इसी दिन अपने दूसरे कार्यकाल के लिए व्हाइट में प्रवेश करने वाले हैं। नए कार्यकाल में ट्रंप की नीतिया क्या रहेंगी, यह दुनिया भर के निवेशकों और सरकारों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। खासतौर से भारत में ट्रंप की नीतियो का कम से कम 6 सेक्टर्स पर काफी असर पड़ने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा TCS, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल और राजेश एक्सपोर्ट्स समेत कई स्टॉक्स भी उनकी नीतियों से प्रभावित हो सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

1. EV इंडस्ट्री

ट्रंप के पहले कार्यकाल में जो इंडस्ट्री सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है, उसमें सबसे ऊपर है इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री। टेस्ला के मालिक एलॉन मस्क लंबे समय से भारत के EV मार्केट में एंट्री करना चाहते हैं। हालिया राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अच्छी दोस्ती बना ली है। ऐसी आशंका जताई जा रही है ट्रंप प्रशासन टैरिफ का इस्तेमाल करते टेस्ला को भारत में एंट्री दिलाने के लिए दबाव बना सकता है। अगर टेस्ला भारत आती है तो यह यहां पहले से मौजूद कंपनियों के लिए झटका हो सकता है। सबसे अधिक टाटा मोटर्स को मिलेगी, जिसकी अभी इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में करीब 58 फीसदी हिस्सेदारी है।

2. टेलीकॉम और इंटरनेट सेक्टर


एलॉन मस्क की ही एक और स्पेसएक्स, जो स्टारलिंक के नाम से सेटेलाइट इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराती है। यह कंपनी भी लंबे समय से भारत में एंट्री की चाहत में है। भारत में करोड़ 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं, जो एक काफी बड़ा बाजार है। अगर स्पेसएक्स भारत में आती है तो उसे यहां मार्केट शेयर हासिल करने के लिए रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे दिग्गजों से चुनौती का सामना करेगा। हालांकि यहां पर देश की डिजिटल संप्रभुता का मुद्दा उठ सकता है, जिसके चलते अभी तक भारत ने स्पेसएक्स को इजाजत नहीं दी थी।

3. IT सेक्टर

ट्रंप के नए कार्यकाल में इमिग्रेशन और H-1B वीजा को लेकर नीतियां सख्त हो सकती है। साथ ही वे चीजों के इंपोर्ट की जगह उसके लोकेलाइजेशन पर जोर दे रहे हैं। इसका TCS, इंफोसिस, HCL टेक, और विप्रो जैसी भारतीय आईटी कंपनियों पर काफी असर पड़ सकता है। भारतीय आईटी कंपनियों ने 2024 में कुल 205 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया था। इसमें से आधे से ज्यादा करीब 54% अमेरिका को भेजा गया था।

4. ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर

आईटी की तरह ही ऑटो पार्ट्स बनाने वाली भारतीय कंपनियां भी अपने एक्सपोर्ट का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को भेजती हैं। FY24 में भारत के ऑटो पार्ट्स का 27% हिस्सा अमेरिका को एक्सपोर्ट हुआ था, जिसकी वैल्यू करीब 21.2 अरब थी। अगर ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाते हैं, तो इससे इन कंपनियों के प्रोड्क्ट्स अमेरिका में मंहगे हो जाएंगे और उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन कंपनियों में खासतौर से भारत फोर्ज, उनो मिन्डा, और अमारा राजा शामिल हैं।

5. सोलर एनर्जी

वारी एनर्जी, देश की सबसे बड़ी सोलर सेल बनाने वाली कंपनी है। यह अपना आधे से अधिक एक्सपोर्ट अमेरिका को करती है। ऐसे में ट्रंप की नई व्यापार नीतियों के कारण इस स्टॉक पर दबाव आ सकता है। ट्रंप के चुनाव में जीत के बाद भी इस शेयर में कई दिनों तक गिरावट आई थी।

6. टेक्सटाइल & ज्वैलरी सेक्टर

कुछ खास अपरैल कंपनियों पहले से ही 32% तक के टैरिफ का सामना कर रही हैं। अगर ट्रंप इन दरों को और बढ़ाने की धमकी देते हैं, तो यह वेलस्पन और अलोक इंडस्ट्रीज जैसी भारतीय टेक्सटाइल एक्सपोर्टररों के लिए समस्या खड़ी कर सकता है। इसके अलावा भारत का जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर भी ट्रंप की नीतियों से प्रभावित हो सकता है। खासतौर से राजेश एक्सपोर्ट्स के शेयर पर इसका असर देखने को मिल सकता है, जो जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोर्ट करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी है।

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