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Tyre Stocks: 40% तक दौड़ सकते हैं इन 3 टायर कंपनियों के शेयर, CLSA ने दी दांव लगाने की सलाह

Tyre Stocks To Buy: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने तीन भारतीय टायर कंपनियों के शेयरों पर दांव लगाने की सलाह दी है। ब्रोकरेज की मानें तो इन शेयरों की कीमत में 40% तक की तेजी देखने को मिल सकती है। इनमें एमआरएफ (MRF), अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) और सिएट (CEAT) के शेयर शामिल हैं। CLSA की रिपोर्ट के बाद इन शेयरों में आज 11 अप्रैल को शानदार तेजी देखने को मिली

अपडेटेड Apr 11, 2025 पर 1:01 PM
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Tyre Stocks: अपोलो टायर्स के शेयर को CLSA ने 'हाई कन्विक्शन आउटपरफॉर्म' की रेटिंग दी है

Tyre Stocks To Buy: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने तीन भारतीय टायर कंपनियों के शेयरों पर दांव लगाने की सलाह दी है। ब्रोकरेज की मानें तो इन शेयरों की कीमत में 40% तक की तेजी देखने को मिल सकती है। इनमें एमआरएफ (MRF), अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) और सिएट (CEAT) के शेयर शामिल हैं। CLSA की रिपोर्ट के बाद इन शेयरों में आज 11 अप्रैल को शानदार तेजी देखने को मिली। कारोबार के दौरान MRF, अपोलो टायर्स और CEAT के 3.5 फीसदी तक उछल गए।

CLSA ने MRF के शेयर को ओवरवेट की रेटिंग के साथ कवर करना शुरू किया है और इसके 1,28,599 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह इसके शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 14 फीसदी की और तेजी की संभावना जताती है।

वहीं अपोलो टायर्स के शेयर को ब्रोकरेज ने 'हाई कन्विक्शन आउटपरफॉर्म' की रेटिंग दी है और इसके लिए 566 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। यह इसके शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 38 फीसदी तेजी की संभावना है।


CEAT के शेयर को ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने आउटपरफॉर्म की रेटिंग दी है और इसके लिए 3,493 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। यह इस शेयर में बुधवार के बंद भाव से करीब 30 फीसदी तेजी की संभावना दिखाता है। CLSA का मानना है कि CEAT, प्रोडक्ट मिक्स और मार्जिन में सुधार के कारण आने वाले सालों में अच्छा प्रदर्शन करेगा।

बदलाव के दौर से गुजर रही टायर इंडस्ट्री

CLSA ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत का टायर मार्केट का मौजूदा वैल्यूएशन करीब 12 अरब डॉलर है। फिलहाल यह पूरा सेक्टर प्रॉफिटेबिलिटी और कैपिटल एफिशियंस के मामले में एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यह बदलाव तीन कारणों से आ रहा है- कीमतों को लेकर बढ़ता अनुशासन, बेहतर प्रोडक्ट क्वालिटी और बेहतर प्रोडक्ट मिक्स।

ब्रोकरेज ने कहा कि टायर मार्केट का अभी लगभग 50% हिस्सा ट्रक और बस टायर सेगमेंट का है। लेकिन धीरे-धीरे पैसेंजर कार रेडियल (PCR) का हिस्सा बढ़ रहा है, जिसमें कंपनियों का मार्जिन अधिक है।

मार्जिन चक्र के निचले स्तर पर है सेक्टर

CLSA का यह भी मानना है कि फिलहाल टायर सेक्टर अपने मार्जिन साइकल के निचले स्तर पर है। लेकिन कच्चे माल की कीमतों में नरमी से अगले कुछ तिमाहियों में इनके ग्रॉस मार्जिन में सुधार देखने को मिल सकता है। ब्रोकरेज के अनुसार, टायर कंपनियों का फ्री कैश फ्लो (FCF), रेवेन्यू से अधिक मार्जिन और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर निर्भर करता है और इन दोनों मोर्चों पर FY26–27 तक सुधार की संभावना है।

बता दें कि MRF के शेयर फिलहाल अपने शिखर से 19% नीचे कारोबार कर रहे हैं। वहीं CEAT के शेयर में उसके शिखर से 24% और अपोलो टायर्स में शिखर से 30% की गिरावट आ चुकी है।

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