कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का महंगाई से लड़ने का कड़ा रुख उन्हें अमेरिकी केंद्रीय बैंक के एक पूर्व चेयरमैन पॉल वोल्कर (Paul Volcker) की याद दिलाता है। पॉल वोल्कर ने 1970/80 के दशक में अमेरिका को भारी मुद्रास्फीति के दलदल से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।
उदय कोटक ने ट्वीट करते हुए कहा "फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष पॉवेल ने आखिर मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए दृढ़ता से बात की है। इनका ये रवैया हमें पॉल वोल्कर की याद दिलाता है जिन्होंने 70/80 के दशक में अमेरिका में मुद्रास्फीति की कमर तोड़ दी थी। क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (QT) से सावधान रहें। अमेरिका वित्तीय दुनिया पर राज करता है। अफीम के बाजार जाग उठेंगे और कॉफी की महक उठेगी!"
बता दें कि वोल्कर (Paul Volcker)1979 से 1987 तक यूएस फेडरल रिजर्व के 12वें अध्यक्ष थे। वोल्कर कार्यकाल को अमेरिका में 1970 और 1980 के दशक की शुरुआत में आई भारी मुद्रास्फीति को समाप्त करने के लिए जाना जाता है।
उदय कोटक का ये बयान शुक्रवार को पॉवेल द्वारा एक कड़ा संदेश देने के कुछ दिनों बाद आया है। पॉवेल ने जैक्शन पोल सिंपोजियम में संकेत दिया था कि यूएस फेड आने वाले महीनों में ब्याज दरों में ज्यादा आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी करेगा। यूएस फेड का सबसे ज्यादा फोकस अमेरिका में 4 दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई महंगाई (मुद्रास्फीति) को नियंत्रित करने पर होगा। पावेल ने जैक्सन होल में आयोजित फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की सालाना आर्थिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि फेडरल का कर्ज को लेकर सख्त रुख जारी रहने से परिवारों एवं कारोबारों को काफी तकलीफ होगी। कर्ज की दरें महंगी होने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होगी और नौकरियों के जाने का भी खतरा होगा।
पॉवेल ने आगे कहा, "मुद्रास्फीति को कम करने करने की कोशिशों के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम ऐसे ही होते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं किया गया तो लोगों की तकलीफें और अधिक बढ़ सकती हैं। फेड के फैसले से उन निवेशकों को निराशा हो सकती है, जो उम्मीद कर रहे थे कि फेड इस साल के अंत में अपनी दर में वृद्धि को कम कर सकता है। अपनी पिछली दो बैठकों में दरों में तीन-चौथाई की वृद्धि करने के बाद फेड के इस फैसले को मुद्रास्फीति को काबू में करने के दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। फेड अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद है कि दरें उस स्तर पर बनी रहेंगी जो अर्थव्यवस्था को कुछ समय के लिए 'धीमा' कर दें।
हालांकि फेड चेयर ने यह संकेत नहीं दिया कि यूएस फेड अपनी आगामी 20-21 सितंबर की नीति बैठक में क्या कर सकता है। हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यूएस फेड से अगली मीटिंग ब्याज दरों में 0.50-0.75 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है।
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