United Heat Transfer IPO Listing: ₹59 के शेयर की 3% प्रीमियम पर एंट्री, पहले ही दिन लगा अपर सर्किट

United Heat Transfer IPO Listing: यूनाइटेड हीट ट्रांसफर्स हीट एक्सचेंजर्स, प्रेशर वेसल्स और प्रोसेस फ्लो स्किड्स बनाती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबार सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Oct 29, 2024 पर 4:06 PM
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United Heat Transfer IPO Listing: यूनाइटेड हीट ट्रांसफर का ₹30 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-24 अक्टूबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

United Heat Transfer IPO Listing: हीट एक्सचेंजर्स, प्रेशर वेसल्स और प्रोसेस फ्लो स्किड्स बनाने वाली यूनाइटेड हीट ट्रांसफर के शेयरों की आज NSE SME पर 3% प्रीमियम पर एंट्री हुई लेकिन फिर टूटकर यह फ्लैट हो गया। इसके आईपीओ को ओवरऑल 83 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 59 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 60.95 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को महज 3.30 फीसदी का लिस्टिंग गेन (United Heat Transfer Listing Gain) मिला। थोड़ी ही देर में टूटकर यह 57.95 रुपये (United Heat Transfer Share Price)  पर आ गया। हालांकि फिर रिकवरी हुई और उछलकर यह 598.50 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 8.39 फीसदी मुनाफे में हैं।

United Heat Transfer IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

यूनाइटेड हीट ट्रांसफर का ₹30 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-24 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 83.70 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 26.56 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 124.72 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 98.93 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 50.84 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।


United Heat Transfer के बारे में

जनवरी 1995 में बनी यूनाइटेड हीट ट्रांसफर्स हीट एक्सचेंजर्स, प्रेशर वेसल्स और प्रोसेस फ्लो स्किड्स बनाती है। इसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल इंजन, मैरिटाइम वेसल्स, माइनिंग ट्रक्स और हैवी मशीनरी में होता है। इसके दो मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 1.53 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 2.11 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 6.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में उतार-चढ़ाव दिखा और वित्त वर्ष 2022 में 47.96 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 70.40 करोड़ रुपये पर पहुंचा लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2024 में यह गिरकर 64.09 करोड़ रुपये पर आ गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो अप्रैल-जुलाई 2024 में इसे 2.43 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 21.20 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

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