Credit Cards

Vedanta पांचवें अंतरिम डिविडेंड बांटने की तैयारी में, 28 मार्च को फैसला ले सकता है बोर्ड, जानिए पूरी डिटेल

Vedanta ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा 28 मार्च 2023 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पांचवें अंतरिम डिविडेंड पर विचार किया जाएगा। बता दें कि आज के कारोबार में वेदांता के शेयरों में काफी उठा-पटक देखने को मिला है

अपडेटेड Mar 23, 2023 पर 10:58 PM
Story continues below Advertisement
अरबपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड अपने निवेशकों को डिविडेंड जारी कर सकती है।

Vedanta : अरबपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड अपने निवेशकों को डिविडेंड जारी कर सकती है। कंपनी ने आज 23 मार्च को कहा कि बोर्ड 28 मार्च को मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में पांचवें अंतरिम डिविडेंड पर फैसला लेगा। कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा 28 मार्च 2023 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पांचवें अंतरिम डिविडेंड पर विचार किया जाएगा। बता दें कि पिछले 12 महीनों में वेदांता लिमिटेड ने अपने निवेशकों को प्रति शेयर 81 रुपये का डिविडेंड जारी किया है।

आज 5 फीसदी टूटा शेयर

आज के कारोबार में वेदांता के शेयरों में काफी उठा-पटक देखने को मिला है। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल कर्ज का बोझ हल्का करने के लिए वेदांता में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच सकते हैं। इसके चलते शेयरों में आज 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।


हालांकि, बाद में कंपनी ने सफाई दी और हिस्सेदारी बेचने के फैसले से इनकार किया। कंपनी की सफाई के बाद शेयरों में कुछ रिकवरी देखी गई। अंत में यह शेयर 5.06 फीसदी फिसलकर 270.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "वेदांता लिमिटेड में हिस्सेदारी बिक्री की कोई भी बात गलत और निराधार है।" मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता में हिस्सेदारी की बिक्री अग्रवाल के लिए अंतिम उपाय है और इस पर केवल तभी विचार किया जाएगा जब और कोई विकल्प न हो।

पिछले हफ्ते वेदांता ने चुकाए 25 करोड़ डॉलर

वेदांता ने दावा किया था कि उसके पास आने वाली तिमाहियों में कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त साधन है। कंपनी निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रही है। पिछले हफ्ते कमोडिटी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने बार्कलेज बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक से लिए गए कर्ज में से 25 करोड़ डॉलर चुका दिए हैं। कंपनी ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को भी 11 करोड़ डॉलर दे दिए हैं।

हिंदुस्तान जिंक के इस सौदे के खिलाफ सरकार

वेदांता रिसोर्सेज, जो कि वेदांता लिमिटेड की मेजोरिटी शेयरहोल्डर है, विदेशों में मौजूद जिंक एसेट्स बेचकर कर्ज का बोझ हल्का करना चाहती है। वेदांता ने 19 जनवरी को जानकारी दी थी कि इसके बोर्ड ने 298.1 करोड़ डॉलर में इस डील के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। हालांकि हिंदुस्तान जिंक (HZL) में 29.54 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली सरकार ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है। वेदांता के पास HZL के इक्विटी शेयर कैपिटल का 64.92 फीसदी है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।