माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड का शेयर 3 नंवबर को BSE पर 4 प्रतिशत तक चढ़कर 514.40 रुपये के हाई तक चला गया। कारोबार बंद होने पर शेयर 512.85 रुपये पर सेटल हुआ। कंपनी के सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद CLSA ने शेयर के लिए ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखते हुए 580 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। यह शेयर के बंद भाव से 13 प्रतिशत ज्यादा है। वेदांता का जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में कंसोलिडेटेड बेसिस पर शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर करीब 38 प्रतिशत घटकर 3479 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले मुनाफा 5603 करोड़ रुपये था।
तिमाही के दौरान कुल आय बढ़कर 40464 करोड़ रुपये हो गई। सितंबर 2024 तिमाही में यह 38934 करोड़ रुपये थी। EBITDA सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 11612 करोड़ रुपये हो गया। EBITDA मार्जिन बढ़कर 28.6 प्रतिशत दर्ज किया गया।
Vedanta शेयर 3 महीनों में 21 प्रतिशत चढ़ा
वेदांता का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये के करीब है। कंपनी में सितंबर 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 56.38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शेयर 2 साल में 120 प्रतिशत और 3 महीनों में करीब 21 प्रतिशत चढ़ा है।
डीमर्जर FY26 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद
ब्रोकरेज CLSA का कहना है कि सितंबर 2025 तिमाही में वेदांता का EBITDA उम्मीदों के अनुरूप रहा और कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में 6 अरब डॉलर से अधिक का EBITDA मिलने का अनुमान है।ब्रोकरेज ने अपने नोट में वेदांता के एल्युमीनियम, बिजली और जिंक कारोबार में विस्तार और बैकवर्ड इंटीग्रेशन का भी जिक्र किया है। साथ ही कंपनी की डीमर्जर प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद जताई है।
वेदांता ने पहले कहा था कि डीमर्जर के बाद उसके मौजूदा कारोबारों को 6 स्वतंत्र कंपनियों- वेदांता एल्यूमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मैटेरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड में बांटा जाएगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने प्लान में बदलाव किया और बेस मेटल अंडरटेकिंग को पेरेंट कंपनी के अंदर ही रखने का फैसला किया। वेदांता की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) ने अक्टूबर में बॉन्ड के जरिए 50 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इन पैसों का इस्तेमाल निकट अवधि की देनदारियों को चुकाने में किया जाएगा।
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