टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयरों में 28 अक्टूबर को पहले तेजी और बाद में गिरावट दिखी। सुबह खुलते ही शेयर BSE पर 1.6 प्रतिशत तक उछलकर 10.15 रुपये के हाई तक गया। लेकिन बाद में 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9.44 रुपये पर सेटल हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के पार जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को वोडाफोन आइडिया की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाए से संबंधित शिकायतों पर फिर से विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मसला सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है।
कंपनी की याचिका में कोर्ट से 2016-17 तक की अवधि के लिए 5,606 करोड़ रुपये के अतिरिक्त AGR से जुड़ी मांगों को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। AGR वह आय आंकड़ा है, जिसका इस्तेमाल टेलिकॉम कंपनियों की ओर से सरकार को दी जाने वाली लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेस की कैलकुलेशन के लिए किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट से वोडाफोन आइडिया को मिली राहत के बाद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने शेयर के लिए 'हाई रिस्क बाय' रेटिंग बरकरार रखी है। साथ ही ₹10 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। मोतीलाल ओसवाल ने वोडाफोन आइडिया के शेयर के लिए रेटिंग को 'रिड्यूस' से अपग्रेड कर 'न्यूट्रल' कर दिया है। टारगेट प्राइस 6.5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।
सिटी का मानना है कि वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर्स के लिए यह फैसला आगे चलकर एक बड़ा पॉजिटिव इंपैक्ट साबित हो सकता है। इंडस टावर्स के शेयर के लिए सिटी ने 460 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ 'बाय' रेटिंग बरकरार रखी है।
AGR में राहत मिलने से VIL को फायदे
वोडाफोन आइडिया को मार्च 2026 में AGR की एक बड़ी किश्त का पेमेंट करना है। ब्रोकरेज का मानना है कि कोई भी राहत आने वाले हफ्तों और महीनों में मिल सकती है। अगर AGR में राहत मिली तो कंपनी के लिए बैंकों से कर्ज लेना आसान हो जाएगा क्योंकि बैंकों में भरोसा जगेगा। इससे वोडाफोन आइडिया के नेटवर्क पूंजीगत व्यय की स्थिरता को लेकर चिंताएं कम होंगी। शेयर में उछाल आ सकता है, आगे और पूंजी जुटाने का रास्ता बन सकता है। वोडाफोन आइडिया में अभी सरकार की हिस्सेदारी 49% है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार एजीआर बकाया की फिर से कैलकुलेशन नहीं करेगी, बल्कि एक समाधान प्रपोज्ड करेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी होगी।
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