Vodafone Idea Shares: वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयरों में आज 6 अक्टूबर को 5% तक की तेज गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब सुप्रीम कोर्ट आज कंपनी के एडिशनल एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया को लेकर दाखिल याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है। इस याचिका पर पिछले एक महीने में दो बार सुनवाई की तारीख टलने के बाद अब यह मामला अंतिम चरण में पहुंच गया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार इस बीच वोडाफोन आइडिया के बकाये को लेकर एक वन-टाइम सेटलमेंट पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ब्याज और पेनाल्टी में राहत देकर बाद में मूल राशि पर भी छूट देने की संभावना पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी अधिकारी इस रूपरेखा का मसौदा तैयार कर रहे हैं और इसे भारत व ब्रिटेन ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भी एक अहम कदम माना जा रहा है।
वोडोफोन आइडिया की याचिका पर अब तक क्या हुआ?
19 सितंबर: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे वोडाफोन आइडिया की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई ठोस समाधान जरूरी है क्योंकि सरकार खुद कंपनी में इक्विटी होल्डर है। अदालत ने उस दिन सुनवाई टालकर नई तारीख 26 सितंबर तय की।
26 सितंबर: केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा। वोडाफोन आइडिया ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। अदालत ने तब सुनवाई को 6 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया।
6 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट आज अतिरिक्त AGR बकाया पर अपना फैसला सुनाएगा।
वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में क्या कहा है?
कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) की 9,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त AGR मांग को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कर्ज में डूबी इस टेलीकॉम कंपनी का कहना है कि सरकार की यह मांग सुप्रीम कोर्ट के 2019 के AGR फैसले के दायरे से बाहर है। वोडाफोन आइडिया की याचिका में कहा गया है कि DoT की यह अतिरिक्त मांग कानूनी रूप से अनुचित है क्योंकि यह पहले से तय AGR देनदारियों के दायरे में नहीं आती। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से 9,450 करोड़ की अतिरिक्त AGR मांग को रद्द करने की मांग की है।
वहीं रिपोर्टों के मुताबिक टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने पहले दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि ये नई देनदारियां किसी दोबारा किए गए आकलन का नतीजा नहीं हैं, बल्कि यह पहले के अकाउंटिंग में छूटे अंतर को पूरा करने के लिए की गई कैलकुलेशन है। DoT का कहना है कि ये देनदारियां वित्तीय खातों के समापन के बाद सामने आईं और इन्हें सुप्रीम कोर्ट के 2019 के AGR फैसले के तहत नहीं रखा जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सोमवार को कंपनी के शेयर कारोबार के दौरान 5% तक गिरकर 8.38 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर आ गए। दोपहर 12.15 बजे के करीब, कंपनी के शेयर एनएसई पर 3.74 फीसदी की गिरावट के साथ 8.49 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि इस गिरावट के बावजूद पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 16.5 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है।
ब्रोकरेज फर्म सिटी ग्रुप (Citi) ने 19 सितंबर की सुनवाई के बाद वोडाफोन आइडिया के स्टॉक को “हाई-रिस्क बाय” की रेटिंग दी थी, और इसका टारगेट प्राइस 10 रुपये प्रति शेयर रखा था।
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