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Waaree Energies: दिसंबर तिमाही में वारी एनर्जीज का रेवेन्यू दोगुना हुआ, क्या आपको स्टॉक में निवेश करना चाहिए?

Waaree Energies के लिए लंबी अवधि में ग्रोथ की अच्छी संभावना है। इंडिया में सरकार की पॉलिसी रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की है। हालांकि, एक्सपोर्ट मार्केट में सुस्ती से घरेलू बाजार में कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है

अपडेटेड Feb 06, 2025 पर 6:17 PM
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वारी एनर्जीज ने अमेरिका में नियम और कानून में होने वाले बदलाव को ध्यान में रख अमेरिका के टैक्सस में 1.6 गीगावॉट का एक सोलर पीवी मॉड्यूल प्लांट लगाया है।

वारी एनर्जीज का रेवेन्यू दिसंबर तिमाही में दोगुना से ज्यादा हो गया। कंपनी सोलर फोटो वोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल्स बनाने वाली इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी है। दिसंबर तिमाही में कंपनी का एबिड्टा तिगुना से ज्यादा 722 करोड़ रुपये हो गया। इसमें कच्चे माल की कीमतों में नरमी, प्रोडक्ट की बेहतर सोर्सिंग और सप्लाई चेन एफिशियंसी का हाथ रहा। इससे कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में भी इजाफा हुआ। इस वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में कंपनी ने 5.07 गीगावॉट क्षमता के सोलर पीवी मॉड्यूल्स बनाए हैं। इसके मुकाबले पिछले साल कंपनी ने 3.42 गीगावॉट के पीवी मॉड्यूल्स बनाए थे।

ऑर्डर बुक में घरेलू बाजार की ज्यादा हिस्सेदारी

तीसरी तिमाही में एक्सपोर्ट में अमेरिकी की हिस्सेदारी में कमी आई। दिसंबर तिमाही के अंत में कंपनी की ऑर्डर बुक 26.5 गीगावॉट की थी। कंपनी को अंतिम तीन महीनों में 6.5 गीगावॉट के आर्डर मिले हैं, जो मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार से मिले हैं। कंपनी की कुल ऑर्डर बुक में घरेलू मार्केट की हिस्सेदारी 54 फीसदी है। घरेलू बाजार में कंपनी को रिटेल ऑर्डर पूरा करने में करीब 1-2 महीनों का समय लगता है, जबकि यूटिलिटी ऑर्डर पूरा करने में 9-12 महीनों का समय लगता है।


अमेरिका में एक्सपोर्ट में गिरावट

कंपनी के एक्सपोर्ट पर नियमों में होने वाले बदलाव का असर पड़ा है। कंपनी के एक्सपोर्ट में अमेरिकी एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी FY24 में 60 फीसदी से घटकर FY25 की तीसरी तिमाही में 10-11 फीसदी पर आ गई है। 2023-24 में अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने इडिया और चीन के सोलर इक्विपमेंट शिपमेंट को जब्त कर लिया था। इसे 2022 के एक कानून के तहत जब्त किया गया था, जिसमें बंधुआ मजदूरों से तैयार चीजों पर रोक लगाने का प्रावधान था।

अमेरिका के टैक्सस में लगाया प्लांट

वारी एनर्जीज ने अमेरिका में नियम और कानून में होने वाले बदलाव को ध्यान में रख अमेरिका के टैक्सस में 1.6 गीगावॉट का एक सोलर पीवी मॉड्यूल प्लांट लगाया है। इस प्लांट में जनवरी 2025 में उत्पादन शुरू हो गया है। कंपनी का फोकस अमेरिका में बिजनेस का वॉल्यूम बढ़ाने पर है। इससे कंपनी की इनकम में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी बढ़ेगी। खासकर एक्सपोर्ट में अमेरिकी मार्केट की हिस्सेदारी बढ़ेगी।

गुजरात में लगा रही नया प्लांट

इंडिया में कंपनी की स्थापित क्षमता 13.3 गीगावॉट का है। कंपनी के कई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट गुजरात और उत्तर प्रदेश में हैं। कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए गुजरात के चिखली में 5.4 गीगावॉट क्षमता का सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही है। सोलर सेल प्रोडक्शन का ट्रायल रन शुरू हो चुका है। इस वित्त वर्ष के अंत तक इस प्लांट में उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग में बैकवॉर्ड इंटिग्रेशन की वजह से मार्जिन और प्रॉफिट में 200-300 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा होगा।

क्या आपको निवेश करना चाहिए?

Waaree Energies के लिए लंबी अवधि में ग्रोथ की अच्छी संभावना है। इंडिया में सरकार की पॉलिसी रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की है। हालांकि, एक्सपोर्ट मार्केट में सुस्ती से घरेलू बाजार में कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। इसके बावजूद वारी एनर्जीज का प्रदर्शन अच्छा है। इसके स्टॉक में अच्छी तेजी देखने को मिली है। आईपीओ प्राइस के मुकाबले यह स्टॉक करीब 60 फीसदी चढ़ चुका है। इस स्टॉक में FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 28 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इस स्टॉक की कीमतों में गिरावट आने पर खरीदारी की जा सकती है।

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