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Market Crash: मार्केट में इस कारण मची भगदड़, निवेशकों को एक्सपर्ट की अब ये सलाह

Market Crash: घरेलू मार्केट में आज लगातार दूसरे दिन बिकवाली का दबाव है लेकिन आज तो यह लगभग ढह गया। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) आज करीब 2 फीसदी टूट गए। इसे लेकर निवेशकों के बीच घबराहट है कि आखिरी एकाएक मार्केट में आज बिकवाली का दबाव क्यों बना और अब क्या सावधानी बरतनी चाहिए। इसे लेकर जरूरी सभी सवालों के जवाब नीचे दिए जा रहे हैं

अपडेटेड Jan 17, 2024 पर 4:46 PM
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HDFC Bank में भारी बिकवाली ने आज Sensex-Nifty पर तगड़ा दबाव बनाया।

Market Crash: घरेलू मार्केट में आज लगातार दूसरे दिन बिकवाली का दबाव रहा लेकिन आज तो यह लगभग ढह गया। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) आज 2 फीसदी से अधिक टूट गए। इंट्रा-डे में सेंसेक्स आज 71500 और निफ्टी 21600 के नीचे तक आ गया। यह 18 महीने की सबसे बड़ी गिरावट रही। मार्केट में इस भारी गिरावट को लेकर निवेशकों के बीच घबराहट है कि आखिर आज बिकवाली का दबाव क्यों बना और अब क्या सावधानी बरतनी चाहिए। इसे लेकर जरूरी सभी सवालों के जवाब नीचे दिए जा रहे हैं।

क्यों ढह गया Sensex-Nifty?

मार्केट जिस लेवल पर अभी है, वह ओवरबॉट की स्थिति दिख रही है और हर कैटेगरी के निवेशक- विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs), म्यूचुअल फंड्स और इंडिविजुअल इनवेस्टर्स का रुझान बुलिश है। सिर्फ 32 कारोबारी दिनों में ही निफ्टी करीब 1 हजार प्वाइंट उछल गया। ऐसा ही रुझान स्मॉल और माइक्रो कैप्स शेयरों में भी दिखा। जब सभी निवेशक एक ही तरफ दिखें तो मार्केट की चाल चौंकाने वाली हो सकती है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि क्या बुलिश रुझान खत्म हो गया है।


आज के गिरावट की बात करें तो वैश्विक मार्केट में कमजोरी का असर यहां दिखा। दुनिया भर के निवेशक इस बात पर दांव लगा रहे थे कि अमेरिकी फेड जल्द ही दरों में कटौती करना शुरू करेगा। हालांकि अब फेड के कुछ मेंबर्स की तरफ से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि दरों में कटौती की कोई जल्दी नहीं है। चीन में जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से कमजोर आए हैं। कुछ चाइनीज शहरों में रियल एस्टेट प्राइसेस में गिरावट की आशंका है जिसका ओवरऑल इकनॉमिक परफॉरमेंस पर झटका दिख सकता है। इंडेक्स के हैवीवेट स्टॉक HDFC Bank में भारी बिकवाली ने भी भारी दबाव बनाया है। एसएमसी ग्लोबल सिक्टोरिटीज के रिसर्च इक्विटी हेड सौरभ जैन का कहना है कि इन वजहों से मार्केट पर दबाव बना।

स्टॉकवाइज क्या है स्थिति?

हालिया तेजी के बाद अब शेयर महंगा दिखने शुरू हो गए थे तो निवेशक मुनाफा बुक करना शुरू कर दिए। अब आगे की बात करें तो मिड और स्मॉल कैप शेयरों की स्थिति कैसी रहेगी, यह दिसंबर तिमाही के नतीजे पर निर्भर करेगा। जिन शेयरों की वित्तीय सेहत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही, उनमें तेज गिरावट दिख सकती है।

अब लार्ज कैप स्टॉक्स की बात करें तो इनमें मिड और स्मॉल कैप की तुलना में कम तेजी रही तो वे इस समय निवेश के लिए बेहतर स्थिति में है। ब्रोकर्स के मुताबिक कुछ स्मार्ट इनवेस्टर्स ने पहले ही पिछले दो महीने से लार्ज कैप में निवेश बढ़ाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब लार्ज कैप इतने आकर्षक लेवल पर हैं तो इनमें तेज गिरावट क्यों आई? इसकी वजह ये है कि जब निवेशक कुछ शेयरों में पैसे गंवाते हैं तो वे दूसरे शेयरों से मुनाफा बुक कर इसके भरपाई की कोशिश करते हैं। लार्ज कैप स्टॉक्स में बिकवाली की एक वजह ये भी हो सकती है।

क्या करना चाहिए खुदरा निवेशकों को?

भारतीय इकॉनमी के फंडामेंटल्स बेहतर है और जीडीपी अच्छी स्पीड से बढ़ ही है, इनफ्लेशन भी सीमा में हैं, कॉरपोरेट बैलेंस शीट बेहतर है और अधिकतर सेक्टर्स में अर्निंग्स ग्रोथ हेल्दी है। म्यूचुअल फंड और एसआईपी को बनाए रखें और अगर आपने शेयरों में पैसे लगाए हैं तो अपने पोर्टफोलियो का एसेसमेंट करें। यह समय कमजोर फंडामेंटल वाले शेयरों का वजन घटाने का है और चाहे लार्ज हो, मिड हो या स्मॉल, अवसर मिलते ही क्वालिटी शेयरों में निवेश बढ़ाएं।

सौरभ जैन के मुताबिक यदि किसी सेक्टर और खास शेयर के फंडामेंटल मजबूत दिख रहे हैं, तो यह गिरावट पोर्टफोलियो को मजबूत करने का एक अवसर हो सकता है। मार्केट के शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव के बजाय लॉन्ग टर्म के हिसाब से फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों और सेक्टर में निवेश पर विचार करना चाहिए।

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