Firstcry Shares Strategy: शिशुओं, बच्चों और माताओं से जुड़े प्रोडक्ट्स बेचने वाली फर्स्टक्राई की पैरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस (Brainbees Solution) के शेयरों की आज मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके शेयर 40 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट होने के बाद और ऊपर उछल गए। हालांकि इसकी कारोबारी सेहत से जुड़ी चुनौतियों और महंगे वैल्यूएशन के चलते एक्सपर्ट्स ने इसमें निवेश को लेकर निवेशकों को सावधान किया है। इसके आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था। अब आज इसके शेयरों की धांसू लिस्टिंग ने निवेशकों को और खुश कर दिया। हालांकि अब आगे कैसी स्ट्रैटेजी अपनाएं, इसे लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स सावधान रहने को कह रहे हैं। इसके 465.00 रुपये के भाव पर जारी हुए शेयर आज BSE पर 625 रुपये पर लिस्ट हुए और 707.05 रुपये की ऊंचाई तक पहुंच गए। दिन के आखिरी में यह 678.25 रुपये पर बंद हुआ है।
Firstcry को लेकर एक्सपर्ट्स का क्या है रुझान
स्टॉक्सबॉक्स की रिसर्च एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा का कहना है कि कंपनी लगातार निगेटिव कैश फ्लो, रेगुलेटरी इश्यू और बढ़ते कर्ज से जूझ रही है। वित्त वर्ष 2024 में इसका रेवेन्यू 15 फीसदी बढ़कर 6,575.1 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन इस दौरान इसे 321.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ और इसका कर्ज भी 176.5 करोड़ रुपये से उछलकर 462.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आकृति के मुताबिक आईपीओ के पैसों को कंपनी कर्ज घटाने की बजाय कारोबार चलाने में खर्च करेगी जिसे लेकर निवेशकों को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने निवेशकों को अभी मुनाफा बुक करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जब कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार होगा, इस पर फिर से विचार किया जाएगा।
स्वास्तिक इनवेस्टमार्ट की वेल्थ हेड शिवानी न्याति का कहना है कि मार्केट में फर्स्टक्राई की काफी मजबूत स्थिति है लेकिन निवेशकों को इसे लेकर सावधान रहना चाहिए। शिवानी के मुताबिक थर्ड पार्टी मैनुफैक्चरर्स पर निर्भरता और निगेटिव कैश फ्लो पर निर्भरता चिंता का विषय है जिस पर नजर रखना होगा।
फर्स्टक्राई की पैरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस पिछले तीन वित्त वर्षों से लगातार घाटे में है लेकिन रेवेन्यू लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 78.69 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 486.06 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में घाटा कुछ कम हुआ और यह 321.51 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 61 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 6,575.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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