Sanjiv Bhasin Banned: मशहूर शेयर मार्केट एक्सपर्ट और IIFL सिक्योरिटीज के पूर्व डायरेक्टर संजीव भसीन पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बड़ा एक्शन लिया है। SEBI ने मंगलवार, 18 जून को जारी एक अंतरिम आदेश में भसीन समेत 12 लोगों को शेयर बाजार में भाग लेने पर बैन कर दिया है। आरोप है कि इन लोगों ने मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए निवेशकों को गुमराह कर शेयरों में हेरफेर किया। साथ ही, SEBI ने इन सभी को अवैध रूप से कमाए गए 11.37 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश भी दिया है।
सेबी के 149 पन्नों के विस्तृत आदेश में खुलासा बताया कि संजीव भसीन IIFL में डायरेक्टर और कंसल्टेंट के तौर पर काम करते हुए टीवी चैनलों, टेलीग्राम और IIFL के खुद के प्लेटफॉर्म्स के जरिए स्टॉक से जुड़े टिप्स देते थे। सोशल मीडिया पर उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग और टीवी चैनलों पर नियमित मौजूदगी ने इन सिफारिशों के प्रभाव को और बढ़ाया।
SEBI की जांच से पता चला कि भसीन मीडिया में किसी स्टॉक को खरीदने की सिफारिश देने से पहले जेमिनी पोर्टफोलियोज, वीनस पोर्टफोलियोज और HB स्टॉक होल्डिंग्स लिमिटेड के खातों से उस शेयर में बाय पोजीशन लेते थे। इस दौरान, RRB मास्टर सिक्योरिटीज दिल्ली लिमिटेड के डीलर्स इन ट्रेड्स को संभालते थे। इन सिफारिशों ने शेयरों की कीमत और ट्रेडिंग वॉल्यूम को काफी प्रभावित किया। मीडिया में टिप देने के बाद शेयर का भाव और वॉल्यूम बढ़ता, तो वह उन्हीं खातों से विपरीत ट्रेड यानी सेल ऑर्डर लगाकर मुनाफा कमा लेते।
सेबी ने बताया कि 13-14 जून, 2024 को NCR के कई लोकेशनों पर सर्च और सीजर ऑपरेशन चलाया गया था। इसमें वॉट्सऐप चैट्स और ऑडियो रिकॉर्डिंग जैसे महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिनसे यह साबित हुआ कि भसीन खुद के द्वारा दी गई सिफारिशों के उलट BTST (बाय टुडे, सेल टुमॉरो) और इंट्राडे ट्रेड्स के जरिए मुनाफा कमा रहे थे।
जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे खेल में संजीव भसीन के कजिन ललित भसीन भी शामिल थे, जिन्होंने इन संदिग्ध ट्रेड्स में मदद की। वहीं RRB मास्टर सिक्योरिटीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कपूर ने इस योजना के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया।
IIFL में संजीव भसीन का कार्यकाल 1 अप्रैल 2017 से 30 नवंबर 2022 तक डायरेक्टर के तौर पर और 1 दिसंबर 2022 से 17 जून 2024 तक कंसल्टेंट के रूप में रहा।
सेबी का यह आदेश शो-कॉज नोटिस भी है यानी भसीन और बाकी आरोपियों को अब यह जवाब देना होगा कि उनके खिलाफ स्थायी बैन, ब्याज सहित रिकवरी और अन्य जुर्माना क्यों न लगाया जाए। उन्हें 21 दिनों के भीतर जवाब देने और व्यक्तिगत सुनवाई की मांग करने की इजाजत दी गई है।
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