Share Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज 3 फरवरी को तगड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स जहां 319 अंक टूटकर 77,186 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी लुढ़ककर 23,261 पर आ गया। छोटे और मझोले शेयरों में निवेशकों को इससे भी अधिक नुकसान हुआ। बीएसई के मिडकैप इंडेक्स 0.89 फीसदी लुढ़क गए। वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स ने 1.77 फीसदी का गोता लगाया। इसके चलते शेयर बाजार के निवेशकों को आज 4 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का घाटा हुआ। आज के कारोबार के दौरान सबसे अधिक गिरावट कैपिटल गुड्स, रियल्टी, पावर, मेटल और इंडस्ट्रियल्स शेयरों में देखने को मिली।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 4 मुख्य कारण रहे-
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, "ट्रम्प आगे भी टैरिफ को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं और वे गैर-व्यापार मुद्दों पर भी दुनिया के बाकी देशों को निशाना बना सकते हैं।"
2. इंफ्रास्ट्रक्चर के बजट में मामूली बढ़ोतरी ने निवेशकों को निराश किया
इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों में आज 3 फरवरी को भारी बिकवाली देखने को मिली। इसके चलते इसका सेक्टोरल इंडेक्स 2.3 प्रतिशत तक गिर गया। यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि सरकार ने बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर में मामूली बढ़ोतरी की, जो निवेशकों को पंसद नहीं आया। बाजार यह उम्मीद लगा रहा था कि सरकार कैपेटिल एक्सपेंडिचर के मोर्चे पर अपना फोकस बढ़ाएगी। इस मायूसी के चलते आज कारोबार के दौरान L&T के शेयर 4.42 फीसदी तक गिर गए। वहीं देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक का शेयर 2 फीसदी नीचे आ गया। इरकॉन इंटरनेशनल भी कारोबार के दौरान 5% तक टूट गया।
3. डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया
डोनाल्ड ट्रंप के ऐलानों के बाद डॉलर के मुकाबले अधिकतर एशियाई करेंसी की वैल्यू में गिरावट आई। भारतीय रुपया भी पहली बार 87 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से नीचे चला गया। सोमवार को कारोबार के दौरान रुपया 0.5 प्रतिशत 87.07 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। व्यापारियों को डॉलर की मजबूत मांग के बीच इसमें और गिरावट की उम्मीद है।
4. FIIs की बिकवाली अभी भी जारी
इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली भी शेयर बाजार पर दबाव बनाए हुए हैं। बजट के दिन शनिवार 1 फरवरी को भी विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 1,327.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इससे पहले जनवरी में उन्होंने कुल 87,374.66 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाली की। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार का ध्यान अब वापस कंपनियों के तिमाही नतीजों और 7 फरवरी को आने वाली आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के नतीजों पर आ गया है। बाजार को उम्मीद है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी 7 फरवरी को ब्याज दरों में कुछ कटौती का ऐलान कर सकता है, जिससे बाजार में नकदी बढ़ सकती है।
5. क्या कहता है टेक्निकल सेटअप?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, रिसर्च अजीत मिश्रान ने कहा कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी ने अंतिम कारोबार के दौरान अपने 200-दिनों के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (DEMA) के अहम रेजिस्टेंस लेवल को टेस्ट किया और वहां से ये नीचे आ गया। नीचे की ओर से इंडेक्स के लिए 23,000-23,300 पर अहम सपोर्ट है। वहीं ऊपर की ओर से 23,650 के पार जाने रिकवरी देखने को मिल सकत है। फिलहाल बाजार में सेक्टोरल इंडेक्स के मिलजुले रहने की उम्मीद है। ब्याज दरों और कंज्म्पशन से जुड़े स्टॉक्स फोकस में रह सकते हैं।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।