शेयर मार्केट में इन 4 कारणों से तेज गिरावट, सेंसेक्स 550 अंक टूटा, निफ्टी भी नहीं बचा पाया 24500 का लेवल

Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार 15 को तेज गिरावट देखी गई। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 568.40 अंक या 0.69 प्रतिशत लुढ़ककर 80,762.16 के स्तर तक पहुंच गया। वहीं निफ्टी निफ्टी 172.45 अंक टूटकर 24,500 के नीचे पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण से पहले निवेशक आज के कारोबार में सतर्क दिखाई दिए

अपडेटेड May 15, 2025 पर 12:07 PM
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Share Market Falls: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण से पहले निवेशक सतर्क दिखाई दिए

Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार 15 को तेज गिरावट देखी गई। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 568.40 अंक या 0.69 प्रतिशत लुढ़ककर 80,762.16 के स्तर तक पहुंच गया। वहीं निफ्टी निफ्टी 172.45 अंक टूटकर 24,500 के नीचे पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण से पहले निवेशक आज के कारोबार में सतर्क दिखाई दिए। जिसके चलते बाजार में जमकर बिकवाली देखने को मिली। सबसे अधिक गिरावट बैंकिंग, आईटी और FMCGs शेयरों में देखने को मिली।

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 प्रमुख कारण रहे-

1. जेरोम पॉवेल के भाषण पर नजरें

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आज के भाषण से पहले निवेशक सतर्क दिखाई दिए। बाजार में यह उम्मीद की जा रही थी कि पॉवेल के बयान से भविष्य में ब्याज दरों के रुख के बारे में कोई महत्वपूर्ण संकेत मिल सकते हैं, खासकर जब फेड ने पिछले सप्ताह ब्याज दरों को स्थिर रखा था। निवेशकों को डर है कि अगर पॉवेल का भाषण 'हॉकिश' (कठोर) स्वर में होता है, तो इससे ग्लोबल रिस्क सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।


2. 'सेल इंडिया, बाय चाइना' रणनीति पर चिंता

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय लार्जकैप शेयरों से पैसे निकालकर चीनी शेयरों में निवेश करने की संभावना को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "शेयर बाजार निकट भविष्य में कंसॉलिडेशन की ओर बढ़ सकता है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। हाल ही में FIIs की मजबूत खरीदारी से लार्जैकप शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। लेकिन अगर कोई स्ट्रैटजिक तौर पर 'सेल इंडिया, बाय चाइना'का ट्रेंड उभरता है, तो इनमें खरीदारी कमजोर पड़ सकती है।"

3. भारतीय रुपये पर दबाव

भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे की गिरावट के साथ 85.64 पर पहुंच गया। फॉरेक्स ट्रेडर्स ने बताया कि रुपया पॉवेल के भाषण से पहले दबाव में था, क्योंकि इस भाषण से अमेरिकी केंद्रीय बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी में नरमी के संकेत मिलने की उम्मीद है।

4. एशियाई शेयर बाजारों से कमजोर संकेत

एशियाई शेयर बाजारों में भी गुरुवार को गिरावट देखने को मिली। साउथ कोरिया, जापान, चीन और हांगकांग के शेयर बाजारों के सभी प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं पर, बीती रात अमेरिकी शेयर बाजार भी मिलाजुले प्रदर्शन के साथ बंद हुए, जिससे एशियाई बाजार में रिस्क सेंटीमेंट को कोई खास समर्थन नहीं मिल सका।

टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि निफ्टी 24,770-24,570 के तत्काल स्तरों के साथ एक सीमित दायरे में बना हुआ है। उन्होंने कहा, "डेली चार्ट पर एक सिमिट्रिकल ट्राएंगल बना है, जो ऊपर 25200 की ओरझुकाव का संकेत देता है। हालांकि, मोमेंटम इंडिकेटर अभी तक तेज उछाल का पक्ष नहीं ले रहे हैं। नीचे की ओर, 24,500-24,400 का स्तर इसे सपोर्ट मुहैया करा सकता है और आगे के सुधार को सीमित कर सकता है।"

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