Smallcap Stocks: स्मॉलकैप शेयरों में आगे आ सकती है और गिरावट? एक्सपर्ट्स ने बताईं 4 बड़ी वजहें
Smallcap Stocks: स्मॉलकैप शेयरों में लगातार 5 दिनों की गिरावट के बाद मंगलवार 25 नवंबर को तेजी लौटते हुए दिखाई दी। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स दोपहर के कारोबार के मामूली बढ़त के साथ 17,712.65 के स्तर पर कारोबार कर रहे था। हालांकि इस तेजी के बावजूद मार्केट एक्सपर्ट्स ने स्मॉलकैप शेयरों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।
Smallcap Stocks: बोनान्जा के रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी ने कहा कि स्मॉलकैप कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर बनी हुई है
Smallcap Stocks: स्मॉलकैप शेयरों में लगातार 5 दिनों की गिरावट के बाद मंगलवार 25 नवंबर को तेजी लौटते हुए दिखाई दी। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स दोपहर के कारोबार के मामूली बढ़त के साथ 17,712.65 के स्तर पर कारोबार कर रहे था। HSCL, अनंत राज, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट और हिंदुस्तान कॉपर जैसे शेयरों में 5 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली। हालांकि इस तेजी के बावजूद मार्केट एक्सपर्ट्स ने स्मॉलकैप शेयरों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।
उनका मानना है कि स्मॉलकैप शेयरों में आगे अभी और करेक्शन देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट्स ने इसके पीछे 4 वजहें भी बताई हैं, जो स्मॉलकैप शेयरों में आगे कमजोरी जारी रहने का संकेत देते हैं-
1. कमजोर अर्निंग्स
बोनान्जा के रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी ने कहा कि स्मॉलकैप कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर बनी हुई है, जबकि इनके शेयरों के वैल्यूएशन काफी ऊंचे हैं। वेल्थ1 की बिजनेस हेड चार्मी शाह ने सितंबर तिमाही के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 32% स्मॉलकैप कंपनियों के नतीजे बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहे। इसके मुकाबले मिडकैप सेगमेंच में 27% और लार्जकैप में 26% कंपनियों ने उम्मीद से कम प्रदर्शन किया।
शाह के अनुसार, “अर्निंग्स में अधिक निराशा के कारण निवेशकों के सेंटीमेंट में गिरावट आई है। स्मॉलकैप का प्रॉफिट ग्रोथ तो दिखा है, लेकिन यह लार्जकैप स्टॉक्स की तुलना में कमजोर है।”
2. कैपिटल आउटफ्लो
अभिनव तिवारी ने बताया कि ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशक लार्जकैप शेयरों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं, जिन्हें तुलनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित माना जाता है। उन्होंने कहा, "विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भी स्मॉलकैप में अपना एक्सपोजर कम किया है, जिससे दबाव बढ़ रहा है।" वहीं विभवंगल अनुकूलकारा के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ मौर्य ने कहा कि लार्जकैप शेयरों में सेफ-हेवन फ्लो जाने की वजह से स्मॉलकैप शेयरों पर काफी दबाव है। वैसे भी यह सेगमेंट लिक्विडिटी और बड़े झटकों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
3. IPO मार्केट में भारी गतिविधियां
एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्मॉलकैप शेयरों में हालिया गिरावट के पीछे तीसरा सबसे बड़ा कारण लिक्विडिटी की कमी है। वेल्थ1 के शाह ने बताया कि आईपीओ मार्केट में तेजी और बड़ी संख्या में नए IPOs के आने से निवेशकों का पैसा बंट गया है और इससे स्मॉलकैप शेयरों पर बिकवाली का दबाव बढ़ा है।
बोनान्जा अभिनव तिवारी ने बताया कि भारी IPO एक्टिविटी और लॉक-इन पीरियड खत्म होने की वजह से लिक्विडिटी कमजोर हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इन स्टॉक्स में रिटेल निवेशकों का इंटरेस्ट भी कम हो रहा है।
वहीं प्राइमस पार्टनर्स के श्रवण शेट्टी ने कहा, "FIIs लगातार बिकवाली कर रहे हैं। उन्हें इमर्जिंग मार्केट्स में अधिक रिस्क दिख रहा है, जिससे वे पैसे निकाल रहे हैं। इसके अलावा IPO में पैसा जाने से यह दबाव और बढ़ गया है।”
4. बाहरी झटके
श्रवण शेट्टी ने बताया कि लार्जकैप और मिडकैप के मुकाबले, स्मॉलकैप कंपनियों पर अमेरिकी टैरिफ, रुपये में कमोजरी और दूसरे बाहरी झटकों का ज्यादा असर पड़ा है, जिससे उनका मार्जिन दबाव में आया है। शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 89.49 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। हालांकि, मंगलवार को भारतीय करेंसी में कुछ रिकवरी हुई और यह RBI के संभावित हस्तक्षेप से मंगलवार को 89.0650 पर खुला।
अब आगे क्या?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्मॉलकैप शेयरों में शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। उन्होंने लंबे समय के निवेशकों को सावधानी और रणनीति के साथ कदम बढ़ाने की सलाह दी है।
बोनान्जा के अभिनव तिवारी ने कहा, "शॉर्ट-टर्म में स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। अर्निंग ग्रोथ अभी भी कमजोर है। हालांकि, चुनिंदा मजबूत कंपनियां लिक्विडिटी के बेहतर होने और अर्निंग्स स्थिर होने के बाद बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। तब तक स्मॉलकैप्स का प्रदर्शन कमजोर रह सकते हैं। ऐसे में स्टॉक-स्पेसिफिक स्ट्रैटजी अधिक कामयाब हो सकती है"
विभावंगल अनुकूलक के सिद्धार्थ मौर्य ने कहा कि स्मॉलकैप शेयरों में यह गिरावट आगे चलकर क्वालिटी शेयरों को निचले स्तर पर खरीदने का मौका हो सकती है। उन्होंने कहा, "लॉन्ग-टर्म निवेशकों को दोबारा आक्रामक तरीके से पोजिशन लेने से पहले अर्निंग्स ग्रोथ में स्थिरता, FII सेंटीमेंट और लिक्विडिटी की स्थिति को ध्यान से देखना चाहिए।"
वहीं चार्मी शाह ने निवेशकों को क्वालिटी स्टॉक्स चुनने और पोर्टफोलियो को डायवर्सिफ करने की सलाह दी। उन्होंने निवेशकों से खासतौर से उन कंपनियों पर फोकस करने की सलाह दी, जिनकी बैलेंस शीट मजबूत हो और लगातार ग्रोथ बनी हो।
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