ITC समेत इन शेयरों के आए बुरे दिन? सरकार लोकसभा में लाने जा रही 2 नए बिल
देश की सबसे बड़ी सिगरेट कंपनी आईटीसी के शेयरों में आज सोमवार 1 दिसंबर को तेज गिरावट देखने को मिली। इसके साथ ही VST इंडस्ट्रीज और गॉडफ्रे फिलिप्स जैसी दूसरी सिगेरट कंपनियो के शेयर लाल निशान में रहे। सुबह-सुबह मार्केट खुलते ही इन शेयरों पर भारी दबाव दिखा। इसकी वजह है सरकार के दो नए बिल, जो लोकसभा में पेश होने जा रहे हैं
ITC Shares: आईटीसी के शेयरों में सोमवार 1 दिसंबर को 1.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
देश की सबसे बड़ी सिगरेट कंपनी आईटीसी के शेयरों में आज सोमवार 1 दिसंबर को तेज गिरावट देखने को मिली। इसके साथ ही VST इंडस्ट्रीज और गॉडफ्रे फिलिप्स जैसी दूसरी सिगेरट कंपनियो के शेयर लाल निशान में रहे। सुबह-सुबह मार्केट खुलते ही इन शेयरों पर भारी दबाव दिखा। इसकी वजह है सरकार के दो नए बिल, जो लोकसभा में पेश होने जा रहे हैं।
क्या हैं ये बिल? इससे सिगरेट पान-मसाले पर कितना टैक्स बढ़ने वाला है? इससे इन कंपनियों की कमाई पर क्या असर पड़ेगा? और क्या तंबाकू कंपनियों के स्टॉक्स के लिए यह एक बड़ा झटका है? आइए समझते हैं।
सबसे पहले मार्केट की बात करते हैं। सोमवार सुबह जैसे ही ट्रेडिंग शुरू हुई, ITC के शेयर 1.19% गिरकर 399 रुपये के स्तर पर आ गया। VST इंडस्ट्रीज का शेयर 0.6% टूटकर 253 रुपये पर पहुंचा। Godfrey Phillips में भी करीब 1.5% तक की गिरावट देखने को मिली। तंबाकू से जुड़ी सभी बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की बेचैनी साफ दिखी।
लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ?
इसके पीछे वजह है सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने वाले दो बड़े बिल। पहले बिल का नाम है- सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025। वहीं दूसरा बिल का नाम है- हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025। सरकार ये दोनों बिल तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला और ऐसे सभी प्रोडक्ट्स के टैक्स स्ट्रक्चर को पूरी तरह बदलने वाले हैं।
सबसे पहले बात करते हैं सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 की। ये बिल GST Compensation Cess को रिप्लेस करेगा, जो फिलहाल सिगरेट, सिगार, जर्दा, हुक्का और चबाने वाले तंबाकू पर लागू होता है। दरअसल सरकार की कोशिश है कि
GST में कम्पनसेशन सेस खत्म होने के बाद सिगरेट और तंबाकू जैसे सिन गुड्स पर टैक्स कम ना हो। इसके लिए सरकार को एक नया टैक्स स्ट्रक्चर चाहिए था। इसीलिए यह बिल पेश किया जा रहा है ताकि सरकार इन उत्पादों पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सके और टैक्स का कुल बोझ कम ना हो।
दूसरा बड़ा बदलाव है हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025। इस बिल का उद्देश्य है पान मसाला और ऐसे कुछ दूसरे प्रोडक्ट्स पर नया सेस लगाना। मतलब अब पान-मसाले पर सिर्फ GST नहीं, बल्कि उसके साथ नया सेस भी लगेगा। सरकार भविष्य में चाहे तो और भी प्रोडक्ट्स को इस कैटेगरी में जोड़ सकती है।
अब जानते हैं कि तंबाकू और पान मसाला पर कुल टैक्स क्या हो सकता है। तंबाकू और पान मसाला जैसे सिन गुड्स पर अभी 28% GST लगता है, साथ ही अलग-अलग रेट पर कम्पनसेशन सेस भी लगता है। लेकिन अब 28% का GST रेट खत्म कर दिया गया है और ऐसे सिन गुड्स के लिए 40% का एक नया GST स्लैब लाया गया है।
साथ ही कम्पनसेशन सेस की जगह ये 2 नए बिल लाए गए हैं। इसमें सिगरेट और सिगार पर GST कंपनसेशन सेस हटते ही सेंट्रल अमेंडमेंट एक्साइज ड्यूटी के तहत एक्साइज ड्यूटी लगेगी।
वहीं पान मसाला पर GST के साथ हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस लगेगा। इसके तहत पान मसाला बनाने वाली मशीन की क्षमता के आधार पर सेस लगेगा। प्रति मशीन प्रति माह 101 लाख रुपए से लेकर 2547 लाख रुपए तक सेस लग सकता है।
खास बात यह है कि सेस की रकम सीधे केंद्र सरकार के पास जाती है। सरकार का कहना है कि इस नए Cess का मकसद पब्लिक हेल्थ पर खर्च बढ़ाना और नेशनल सिक्योरिटी के लिए फंड जुटाना है।
आपको याद होगा GST साल 2017 में लागू हुआ था। तब सरकार ने राज्यों को 5 साल तक होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए Compensation Cess लागू किया था। ये व्यवस्था 2022 में खत्म होनी थी। लेकिन कोविड के कारण राज्यों को नुकसान हुआ, तो सरकार ने इसे 2025-26 तक बढ़ा दिया। अब दिसंबर 2025 के बाद Compensation Cess खत्म होने की बात कही जा रही है। हालांकि ये दोनो नए बिल अब पक्का करेंगें कि कम्पनसेशन सेस हटने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला जैसे सिन गुड्स पर टैक्स का असर पहले जैसा ही बने रहे।
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