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बायबैक की उम्मीद से Wipro के शेयरों में 2% से ज्यादा की तेजी, 27 अप्रैल को कंपनी का बोर्ड लेगा फैसला

विप्रो ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, "कंपनी का निदेशक मंडल कंपनी के इक्विटी शेयरों को वापस खरीदने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। यह बैठक 26-27 अप्रैल 2023 को होगी।" जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उसकी सूचना 27 अप्रैल को बैठक खत्म होने के तुरंत बाद दी जाएगी। कंपनी उसी दिन मार्च तिमाही के अपने नतीजों की घोषणा भी करने वाली है

अपडेटेड Apr 24, 2023 पर 5:32 PM
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आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी Wipro जल्द ही शेयर बायबैक का ऐलान कर सकती है।
     
     
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    Wipro Share Price: Wipro के शेयर बायबैक करने की उम्मीद से शेयरों में आज तेजी आई है। 24 अप्रैल को दिन भर के कारोबार के बाद Wipro के शेयर 2.69 फीसदी की तेजी के साथ 377.95 रुपए पर बंद हुए है। कंपनी ने 23 अप्रैल को जानकारी दी थी कि अगले सप्ताह बोर्ड की बैठक में शेयर बायबैक के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा। विप्रो ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, "कंपनी का निदेशक मंडल कंपनी के इक्विटी शेयरों को वापस खरीदने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। यह बैठक 26-27 अप्रैल 2023 को होगी।" बोर्ड में जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उसकी सूचना 27 अप्रैल को बैठक खत्म होने के तुरंत बाद दी जाएगी। कंपनी उसी दिन मार्च तिमाही के अपने नतीजों की घोषणा भी करने वाली है।

    दिसंबर तिमाही के नतीजे

    पिछली दिसंबर तिमाही में विप्रो के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 2.8 फीसदी का उछाल देखा गया था। कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले इसी अवधि में 2,969 करोड़ रुपये के मुनाफे की तुलना में 3,053 करोड़ रुपये रहा। Q3FY23 में इसका राजस्व 14.3 प्रतिशत बढ़कर 23,229 करोड़ रुपये हो गया।


    इस बीच, हाल ही में दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस ने भी तिमाही नतीजे जारी किए हैं। इन दोनों कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे। इसके चलते कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट भी देखी गई।

    क्या होता है शेयर बायबैक

    जब कंपनी ओपन मार्केट में उपलब्ध शेयरों की संख्या को घटाने के लिए अपने बकाया शेयरों की खरीद करती है तो उसे बायबैक कहा जाता है। इसका मतलब है कि बायबैक के ज़रिए कंपनी खुद में निवेश करती है। कई बार शेयर बायबैक का मकसद स्टॉक के मूल्य में गिरावट को रोकना भी होता है। बायबैक शेयर की कीमतों में इजाफा कर सकता है।

    आमतौर पर कंपनी इन शेयरों को बाजार के मौजूदा भाव से अधिक कीमत पर खरीदती है। इसे शेयरधारकों को पैसा वापस लौटाने का एक वैकल्पिक और टैक्स के हिसाब से कम खर्चीला माना जाता है। कई बार कंपनियां अतिरिक्त कैश का इस्तेमाल शेयर बायबैक के लिए करती है। इससे निवेशकों में कंपनी को लेकर भरोसा बढ़ता है कि कंपनी की आर्थिक हालत अच्छी है।

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