SMBC ने फिर शुरू की खरीदारी की बात, खुलासे पर Yes Bank के शेयरों में 9% का तगड़ा उछाल

Yes Bank Deal: एक बार फिर यस बैंक का कंट्रोलिंग स्टेक हासिल करने के लिए जापान की फाइनेंशियल कंपनी सुमिटोमो मितसुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) कोशिश कर रही है। इसके चलते यस बैंक के शेयर आज रॉकेट बन गए। जानिए कि SMBC को यस बैंक में बिग होल्डिंग कैसे मिलेगी और पिछले साल बातचीत कहां अटकी थी और अब आगे क्या रुझान है?

अपडेटेड May 06, 2025 पर 3:49 PM
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देश के सबसे बड़े पीएसयू बैंक SBI के पास Yes Bank में 23.97 फीसदी हिस्सेदारी है और यह SMBC को 20 फीसदी तक होल्डिंग बेच सकता है।

जापान की फाइनेंशियल कंपनी सुमिटोमो मितसुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (Sumitomo Mitsui Banking Corporation-SMBC) भारत में प्राइवेट सेक्टर लेंडर यस बैंक (Yes Bank) के अधिग्रहण के लिए फिर जोर मार रही है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से पता चला है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने यस बैंक की कंट्रोलिंग हिस्सेदारी को लेकर SMBC के साथ फिर से बातचीत शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले इसे लेकर बातचीत वर्ष 2024 में शुरू हुई थी और अब इस बार सौदे की शर्तों में कुछ बदलाव हुआ है। इसके चलते शेयर आज रॉकेट बन गए और मार्केट खुलते ही यह 9.64 फीसदी उछलकर 19.44 रुपये पर पहुंच गया। आज बीएसई पर यह 1.18 फीसदी की बढ़त के साथ 17.94 रुपये (Yes Bank Share Price) पर बंद हुआ है।

कैसे मिलेगी SMBC को बिग होल्डिंग?

देश के सबसे बड़े पीएसयू बैंक एसबीआई के पास यस बैंक में 23.97 फीसदी हिस्सेदारी है और यह एसएमबीसी को 20 फीसदी तक होल्डिंग बेच सकता है। इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि यस बैंक में एसएमबीसी 6-7 फीसदी का नया पूंजी निवेश कर सकता है। एसएमबीसी अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी तक ले जाने के लिए ओपन ऑफ भी ला सकता है। एसबीआई की बात करें तो बाकी हिस्सेदारी यह ओपन ऑफर के जरिए बेच सकता है। इसके अलावा यस बैंक के बाकी निवेशक एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक और HDFC बैंक के पास कुल मिलाकर 7.36 फीसदी हिस्सेदारी है और ये भी ओपन ऑफर के जरिए अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। एलआईसी के पास यस बैंक में 3.98 फीसदी हिस्सेदारी है।


पिछले साल कहां अटकी थी बात और अब आगे क्या?

एक बैंकर ने बताया कि यस बैंक की शेयरहोल्डिंग और कौन-कौन अपनी होल्डिंग बेच सकता है, इसके बार में एसएमबीसी को बताया गया है लेकिन अभी तक उधर से कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि एसएमबीसी को यह आश्वासन दिया गया है कि सौदा आसानी से हो जाएगा और वोटिंग राइट्स और कंट्रोलिंग मेजॉरिटी उसे मिल जाएगा। बता दें कि पिछले साल मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) और एसएमबीसी के साथ बातचीत सफल नहीं हो पाई थी क्योंकि दोनों जापानी कंपनियों वोटिंग राइट्स की सीमा में छूट चाह रही थीं। इसके अलावा खरीदार 51 फीसदी का वोटिंग राइट्स और शेयरहोल्डिंग चाह रहे थे जबकि भारतीय कानून के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर बैंक में प्रमोटर्स का वोटिंग राइट्स अधिकतम 26 फीसदी ही हो सकता है।

एक बैंक अधिकारी ने बताया कि एसएमबीसी को यह समझ आ चुका है कि इस तथ्य को बदला नहीं जा सकता है और इसके बावजूद इसने यस बैंक को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक SMBC शर्तों को मान लेता है तो इस सौदे को आगे नियामक (जैसे कि RBI) के पास विचार के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि SMBC हिस्सेदारी और वोटिंग अधिकारों से संबंधित भारतीय नियमों को मान लेता है, तो इस वित्तीय वर्ष में समझौता हो सकता है।

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