निफ्टी-50 इंडेक्स में होने वाले बदलावों को लेकर शेयर बाजार में हलचल तेज हो गई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) आज 21 फरवरी को कारोबार खत्म होने के बाद अपने इंडेक्सों में रीबैलेंसिंग की आधिकारिक ऐलान करेगी। NSE हर 6 महीने पर अपने इंडेक्सों की रीबैलेंसिग के लिए उनकी समीक्षा करती है। मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार की रिबैलेंसिंग में जोमैटो (Zomato) और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Finacials Services) के शेयर के निफ्टी 50 में शामिल होने की काफी संभावनाएं हैं।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जोमैटो और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को निफ्टी-50 में शामिल किया जा सकता है। ये दोनों कंपनियां अपने-अपने सेक्टर की प्रमुख खिलाड़ी हैं। जोमैटो, भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी, रेस्टोरेंट एग्रीगेटर के साथ क्विक कॉमर्स सेगमेंट की भी दिग्गज कंपनी है, जबकि Jio Financial Services तेजी से फाइनेंशियल सेक्टर में अपना दबदबा बना रही है।
किन कंपनियों को बाहर किया जा सकता है?
इससे पहले JM फाइनेंशियल ने अनुमान लगाया था कि निफ्टी-50 इंडेक्स से ऑयशर मोटर्स (Eicher Motors) के शेयर को बाहर किया जा सकता है, लेकिन ब्रिटानिया के कमजोर प्रदर्शन के कारण अब उसे बाहर किए जाने की संभावना अधिक हो गई है।
F&O सेगमेंट में लिस्टिंग जरूरी
Nifty 50 में शामिल होने के लिए किसी स्टॉक का फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में होना अनिवार्य है। नवंबर 2024 में NSE ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) और जोमैटो (Zomato) समेत 45 कंपनियों को F&O सेगमेंट में जोड़ा था, जिससे इनकी निफ्टी (Nifty 50) में एंट्री की संभावना बढ़ गई है।
ब्रोकरेज ने कहा कि निफ्टी में शामिल होने से जोमैटो के शेयरों में पैसिव म्यूचुअल फंडों से करीब 70.2 करोड़ डॉलर (लगभग ₹5,800 करोड़) का निवेश आ सकता है। वहीं जियो फाइनेंशियल की एंट्री से इसमें 40.4 करोड़ डॉलर (लगभग ₹3,300 करोड़) का निवेश आने की उम्मीद।
दूसरी ओर BPCL के बाहर होने से इस शेयर से 24 करोड़ डॉलर (₹2,000 करोड़) और ब्रिटानिया (Britannia) के बाहर होने से इनसे 26 करोड़ डॉलर (₹2,150 करोड़) का पैसिव निवेश बाहर जा सकता है।
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