Zomato Share Price: Zomato के शेयरों में बीते एक महीने में 13 फीसदी की तेजी आई है। सवाल है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी? अगर विदेशी ब्रोकरेज फर्म Nomura की मानें तो इसका जवाब ना है। नोमुरा ने जोमैटो के शेयरों के लिए 50 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इसका मतलब है कि मौजूदा स्तर से ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों में करीब 18 फीसदी की गिरावट आ सकती है। यह जोमैटो के निवेशकों के लिए अच्छी खबर नहीं है। वे पहले ही काफी लॉस उठा चुके हैं।
Zomato के शेयर शुक्रवार को 61.40 रुपये पर बंद हुए थे। सोमवार (22 अगस्त) को यह शेयर सुबह के कारोबार में 1.22 फीसदी की कमजोरी के साथ 60.70 रुपये पर चल रहा था। जोमैटो के शेयर पिछले साल जुलाई में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुए थे। लिस्टिंग के बाद से शेयर में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ चुकी है। इससे इस आईपीओ में पैसे लगाने वाले इनवेस्टर्स को लॉस हुआ है।
नोमुरा ने जोमैटो के शेयरों को कवर करना शुरू किया है। उसने इनवेस्टर्स को इस शेयर में हिस्सेदारी घटाने की राय दी है। उसने कहा है कि फूड डिलीवरी के बिजनेस में डबल-डिजिट मार्जिन काफी मुश्किल है। नोमुरा का मानना है कि जोमैटो का बिजनेस एडजस्टेड इबिड्टा लेवल पर अगले फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही तक मुनाफे में आएगा। इसके लिए कंपनी को काफी कोशिश करनी होगी।
नोमुरा का कहना है कि जोमैटो ने लंबी अवधि में डबल-डिजिट मार्जिन का लक्ष्य रखा है। यह रेस्टॉरेंट्स से मिलने वाले कमीशन में वृद्धि पर निर्भर करेगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह कमीशन 15 फीसदी था। इसके अलावा उसे कस्टमर से ज्यादा डिलीवरी फीस वसूलनी होगी। मौजूदा माहौल में यह मुश्किल लगता है। इसके 6 फीसदी पर स्थिर बने रहने की उम्मीद है।
इस बीच, म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) ने जोमैटो (Zomato) के शेयरों में आई गिरावट का खूब फायदा उठाया। जुलाई के म्यूचुअल फंडों के 'बाय एंड सेल' डेटा से इसका पता चला है। जुलाई में ज्यादातर म्यूचुअल फंड हाउसेज ने अपने पोर्टफोलियो में जोमैटो के शेयरों की हिस्सेदारी बढ़ाई। इसकी वजह यह है कि पिछले महीने फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों की कीमतें गिरकर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं।
निप्पॉन म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजरों ने जोमैटो के शेयरों में जुलाई में सबसे ज्यादा निवेश किया। उन्होंने पिछले महीने इसके 7 करोड़ से ज्यादा शेयर खरीदे। निप्पॉन म्यूचुअल फंड की कई स्कीमों ने जोमैटो के शेयरों में निवेश किया। इनमें स्मॉलकैप फंड, रिटायरमेंट फंड, लार्जकैप फंड, ग्रोथ फंड, इक्विटी हाइब्रिड फंड और इंडिया वैल्यू फंड शामिल हैं।