Get App

Assembly Elections 2023: विधायक और सांसद में क्या होता है अंतर, जानें रिजर्व सीट और जमानत रकम से जुड़ी सारी डिटेल

Assembly Elections 2023: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनावी रण की शुरुआत हो गई है। इस दौरान खास तौर पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियों ने इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत को झोंक दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस चुनाव के कुछ ही महीनों के बाद आम लोकसभा चुनाव भी होने हैं। हालांकि हमारे देश में लगभग हर साल ही कोई ना कोई चुनाव होता रहता है पर फिर भी कई सारे लोग ऐसे हैं जिनको विधायक और सांसद के बीच में फर्क नहीं पता होता। ऐसे में आइये तस्वीरों के जरिए इसे समझने की कोशिश करते हैं।

अपडेटेड Nov 07, 2023 पर 16:11
Story continues below Advertisement
Assembly Elections 2023: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनावी रण की शुरुआत हो गई है

विधायक और सांसद में यह होता है फर्क
सांसद जहां लोकसभा या फिर राज्यसभा सीट से चुना जाता है तो वहीं विधायक का चुनाव विधनसभा या फिर विधानपरिषद सीट के जरिए किया जाता है। एक लोकसभा सीट में कई सारी विधानसभा की सीटें शामिल होती हैं। वहीं सांसद केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि सांसद राज्य सरकार का प्रतिनिध्व करते हैं।

क्या होती है विधानसभा
भारत की राज्यवार या फिर प्रदेशवार व्यवस्था के तहत कार्यपालिका और विधायिका को ही विधानसभा कहा जाता है। हर पांच साल में विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं जिनमें लोग वोटिंग के जरिए अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर विधायकों को चुनते हैं।

कौन वहन करता है असेंबली इलेक्शन का खर्च
अगर किसी राज्य में विधानसभा का चुनाव हो रहा है तो राज्य सरकार उसमें आने वाले खर्च के लिए जिम्मेदार होगी। वहीं अगर लोकसभा चुनाव के साथ ही किसी राज्य में विधानसभा का चुनाव हो रहा है तो राज्य और केंद्र सरकार उस खर्च को आधा आधा बांट लेते हैं।

इस राज्य में है सबसे ज्यादा लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सीटें
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां पर सबसे ज्यादा लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सीटें हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें, राज्यसभा की 31 सीटें, विधानसभा की 403 सीटें और विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं। वहीं अगर मौजूदा चुनावी राज्यों के बारे में बात करें तो मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें, राजस्थान में 200 सीटें, तेलंगाना में 119 सीटें, छत्तीसगढ़ में 90 सीटें और मिजोरम में 40 विधनसभा की सीटें हैं।

क्या है रिजर्व सीट का फंडा
रिजर्व सीट वे सीटें होती हैं जहां पर आबादी के हिसाब से उन पर केवल शेड्यूल कास्ट या श्ड्यूल ट्राइब्स कटेगरी में आने वाले उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकते हैं। राजस्थान में 59 सीटें एससी और एसटी कटेगरी के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। जिनमें 34 सीटें एससी के लिए और 25 सीटें एसटी कटेगरी के लिए आरक्षित हैं।

क्या होता है इलेक्शन डिपॉजिट
लोकसभा या फिर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हर एक उम्मीदवार को एक रकम जमा करानी पड़ती है जिसे कि इलेक्शन डिपॉजिट य जमानत कहा जाता है। अगर कोई उम्मीदवार टोटल वोट के 16.67 फीसदी से भी कम वोट पाता है तो इसे जब्त कर लिया जाता है। लोकसभा चुनाव में जनरल कटेगरी के उम्मीदवार के लिए जमानत की रकम 25 हजार और एससी, एसटी के लिए 12,500 रुपये है। वहीं विधानसभा चुनाव में यह जनरल कटेगरी के लिए 10 हजार और एससी, एसटी के लिए 5 हजार रुपये है।

चुनाव में एक उम्मीदवार खर्च सकता है इतने रुपये
बड़े राज्यों में सांसद का चुनाव लड़ने के लिए खर्च की जाने वाली रकम की सीमा 95 लाख रुपये और छोटे राज्यों में 75 लाख रुपये है। वहीं बड़ी विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए खर्च की जा सकने वाली रकम 40 लाख और छोटी विधानसभा में 28 लाख है।