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Success Story: 12वीं पास युवक ने पपीते से की बंपर कमाई, खेती से बन गया लाखों का मालिक!

Success Story: खंडू मडकर ने पारंपरिक खेती से हटकर पपीते की खेती शुरू की और कम समय में बड़ी सफलता हासिल की। पढ़ाई के बाद खेती को चुना और सिर्फ दो महीने में अच्छी कमाई की। यह कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि बताती है कि सही सोच और मेहनत से खेती भी फायदे का सौदा बन सकती है

अपडेटेड Aug 07, 2025 पर 15:12
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सोलापुर जिले के हरलवाड़ी गांव में रहने वाले 24 वर्षीय खंडू मडकर ने बारहवीं तक विज्ञान पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने खेती को अपना करियर बनाने का फैसला किया।

जब खंडू पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनकी मां की तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। इस घटना ने पूरे परिवार को तोड़ दिया, खासकर उनके पिता को।

मां के जाने के बाद खंडू ने पिता का सहारा बनने का सोचा। उन्होंने पारंपरिक खेती की बजाय कुछ नया करने का मन बनाया।

खंडू के पिता पहले गन्ने की खेती करते थे, जिससे सालाना ज्यादा आमदनी नहीं होती थी। खंडू ने पपीते की खेती शुरू करने का सुझाव दिया, और पिता भी मान गए।

अक्टूबर महीने में उन्होंने डेढ़ एकड़ ज़मीन पर करीब 1500 पपीते के पौधे लगाए। खास बात ये थी कि खंडू ने पूरी खेती जैविक तरीके से की।

पपीते की खेती में उन्होंने छाछ, गुड़, गोमूत्र और गोबर जैसे देसी तरीकों का इस्तेमाल किया। इससे फसल को अच्छी ग्रोथ मिली और लागत भी कम रही।

इस पूरी खेती में खंडू ने करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च किए। दो महीने बाद उन्होंने पपीते बेचकर साढ़े तीन लाख रुपये कमा लिए।

खंडू कहते हैं कि पढ़ाई के बाद भी नौकरी मिलना मुश्किल था, लेकिन खेती में मेहनत कर उन्होंने खुद को साबित किया और आत्मनिर्भर बने।

वो मानते हैं कि अगर पढ़े-लिखे युवा खेती में नए प्रयोग करें तो उन्हें नौकरी से ज्यादा कमाई मिल सकती है, वो भी अपने गांव में रहते हुए।

खंडू मडकर की कहानी ये दिखाती है कि अगर सोच बदली जाए और मेहनत सही दिशा में की जाए, तो खेती भी एक मजबूत करियर बन सकती है।

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