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Wheat Farming Tips: नवंबर में कर रहे हैं गेहूं की बुवाई तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो सारी मेहनत हो सकती है बेकार

wheat Farming Tips: नवंबर से ही देश के कुछ इलाकों में गेहूं की बुवाई शुरू हो जाती है। अकसर जल्दबाजी में किसान गेहूं की बुवाई में ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिसको लेकर उनको बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको गेहूं की बुवाई में होने वाली कुछ आम गलतियों के बारें में बताएंगे, जिन्हें आपको करने से बचना चाहिए

अपडेटेड Nov 05, 2024 पर 18:52
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कृषि हमारे देश के लिए रीड की हड्डी की तरह है। इससे जहां 140 करोड़ लोगों का पेट भरता है तो वहीं देश के अधिकांश लोगों का जीवन यापन भी चलता है। लाखों करोड़ों का रोजगार इसी से चलता है। (Image-Canva)

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार जब किसान गेहूं की बुवाई करते हैं तो उनको खेत में मौजूद पराली की सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए। अगर किसान ऐसा ना करें तो गेहूं के बीज सही तरीके से उग नहीं पाते। ऐसे में डॉ.गुप्ता बताते हैं कि किसानों को पराली का निस्तारम खेत में करना चाहिए। इससे खेत की उपज क्षमता भी बढ़ती है। (Image-Canva)

कृषि एक्सपर्ट बताते हैं कि गेहूं की अगेती बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह बेहद अच्छा होता है। इस समय किसानों को अपने खेत की गहरी जुताई करना चाहिए। जब जुताई हो जाए तो सीड ड्रिल से गेहूं की बुवाई करें। सीड ड्रिल से बुवाई करने से निश्चित मात्रा में बीज और निश्चित दूरी पर गेहूं की बुवाई होती है। (Image-Canva)

वैसे तो गेहूं की फसल में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन बुवाई के समय खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना बेहद जरूरी है। बेहतर नमी होने पर गेहूं के बीज का जमाव अच्छा होता है और बीज सही तरीके से उग पते हैं। डॉ.गुप्ता बताते हैं कि अगर खेतों में सही मात्रा में नमी हो तो गेहूं की पैदावार कई गुणा तक बढ़ सकती है। (Image-Canva)

पौधों को फंगस और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है कि किसान बीजों का सही तरीके से शोधन करें। बीज शोध करने से भूमि जनित और बीज जनित रोगों को रोका जा सकता है। किसान इसके लिए 2 से 2.5 ग्राम कैप्टान या थीरम अन्यथा 2.5 ग्राम बावस्टीन से प्रति किलो बीज को उपचारित कर सकते हैं। (Image-Canva)

गेहूं की बुवाई करते समय बेहतर किस्म का चयन और बीज की मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर नवंबर के पहले सप्ताह में गेहूं की फसल की बुवाई कर रहे हैं तो अगेती किस्म के बीजों का ही चयन करें। (Image-Canva)

गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है कि इसमें सही मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल किया जाए। किसान बुवाई के समय 100 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल करने से पहले जरूरी है की मिट्टी की जांच कर ली जाए। जांच के बाद ही खेतों में इनका इस्तेमाल करना चाहिए। ज्यादा रसायन का इस्तेमाल आपके जमीन को बंजर भी बना सकती है। (Image-Canva)