इक्विटी कैश सेगमेंट में अब ब्रोकर-लेवल पर 10 करोड़ ऑर्डर मैसेज रहेंगे फ्री, लिमिट क्रॉस होने पर BSE वसूलेगा चार्ज

प्रपोजल का मकसद ब्रोकर लेवल पर बैलेंस्ड और एफिशिएंट ऑर्डर फ्लो मैनेजमेंट को बढ़ावा देना है। पहले महीने यानि 1-31 जनवरी, 2026 के दौरान कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा। BSE हर ब्रोकर के रोजाना के ऑर्डर मैसेज की गिनती पर नजर रखेगा

अपडेटेड Dec 20, 2025 पर 14:53
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2026 से इक्विटी कैश सेगमेंट में रोजाना, ब्रोकर-लेवल पर 10 करोड़ ऑर्डर मैसेज फ्री रहेंगे। लेकिन यह लिमिट क्रॉस होने के बाद ऑर्डर मैसेज फ्लो पर चार्ज लगाया जाएगा। यह प्रपोजल स्टॉक एक्सचेंज BSE ने दिया है।

प्रपोजल का मकसद ब्रोकर लेवल पर बैलेंस्ड और एफिशिएंट ऑर्डर फ्लो मैनेजमेंट को बढ़ावा देना है। BSE हर ब्रोकर के रोजाना के ऑर्डर मैसेज की गिनती पर नजर रखेगा और जो लोग 10 करोड़ की लिमिट पार करेंगे, उन पर चार्ज लगाएगा।

ऑर्डर मैसेज वे इलेक्ट्रॉनिक मैसेज हैं, जो ब्रोकर या ट्रेडिंग सिस्टम एक्सचेंज को भेजता है। जब भी ब्रोकर का सिस्टम नया ऑर्डर डालता है, बदलता है या कैंसिल करता है तो हर बार एक ऑर्डर मैसेज जाता है।

लिमिट क्रॉस होने के बाद के ऑर्डर मैसेज पर प्रति मैसेज 0.0025 रुपये का चार्ज लगेगा, जिसका मतलब है कि हर अतिरिक्त 10 लाख ऑर्डर मैसेज पर 2.50 रुपये लगेंगे।

इक्विटी कैश सेगमेंट में एक ब्रोकर की ओर से दिए गए सभी ऑर्डर मैसेज गिने जाएंगे। इनमें ऐड, मॉडिफाई, डिलीट ऑर्डर, ऑड-लॉट ऑर्डर के मैसेज भी शामिल हैं। सेटलमेंट ऑक्शन ऑर्डर, कैलकुलेशन से बाहर रहेंगे।

राहत देने के लिए, हर कैलेंडर महीने में ब्रोकर की ओर से लिमिट क्रॉस होने की पहली घटना पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। लेकिन उसी महीने में फिर से ऐसा होने पर फीस लगेगी।

BSE 1 जनवरी, 2026 से ब्रोकर्स के साथ डेली फाइल्स शेयर करना शुरू करेगा। इनमें कुल ऑर्डर्स की गिनती की डिटेल होगी। 15 जनवरी 2026 से, इन फाइलों में लागू चार्ज भी शामिल होंगे लेकिन तभी जब कोई लिमिट तोड़ी गई हो।

चार्ज रोजाना जमा होंगे और रेगुलर मंथली बिलिंग साइकिल के जरिए वसूले जाएंगे। इस फ्रेमवर्क को 1 जनवरी, 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है।

पहले महीने यानि 1-31 जनवरी, 2026 के दौरान कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा। असल चार्ज फरवरी 2026 से आगे, प्रस्तावित फ्रेमवर्क के अनुसार लागू होंगे।