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बैंक लॉकर में कितना सेफ होता है आपका सामान! किराए से लेकर नियम तक...सब जानें यहां

बैंक लॉकर एक किराए पर मिलने वाला सुरक्षित डिपॉजिट बॉक्स होता है, जिसमें गहने और जरूरी डाक्युमेंट रखे जा सकते हैं। लॉकर लेने के लिए सेविंग्स या करंट अकाउंट होना जरूरी होता है। इसका किराया लॉकर के साइज और बैंक की शाखा पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं बैंक लॉकर क्या होता है

MoneyControl News
अपडेटेड Jul 12, 2025 पर 14:51
बैंक लॉकर में कितना सेफ होता है आपका सामान! किराए से लेकर नियम तक...सब जानें यहां

बैंक लॉकर क्या है
बैंक लॉकर एक सुरक्षित डिपॉजिट बॉक्स होता है, जिसे आप बैंक में किराए पर लेकर अपनी कीमती चीजें जैसे गहने, दस्तावेज आदि रख सकते हैं।(Photo: Canva)

किराया और जमा राशि
लॉकर का वार्षिक किराया उसके आकार और शाखा की लोकेशन पर निर्भर करता है। छोटे लॉकर का किराया ग्रामीण शाखा में ₹1,000 से शुरू हो सकता है, जबकि बड़े लॉकर का किराया मेट्रो सिटी में ₹10,000 से अधिक हो सकता है। साथ ही, आमतौर पर एक फिक्स्ड डिपॉजिट भी सिक्योरिटी के रूप में जमा करनी पड़ती है।(Photo: Canva)

खाता होना जरूरी
लॉकर लेने के लिए आमतौर पर बैंक में सेविंग्स या करंट अकाउंट होना जरूरी है। लॉकर आपके खाते से लिंक होता है।(Photo: Canva)

सामग्री की बीमा
बैंक लॉकर में रखी चीजों का बीमा अपने आप नहीं होता। बैंक केवल लॉकर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, लॉकर के अंदर रखी चीजों की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती जब तक कि बैंक की लापरवाही ना हो।(Photo: Canva)

बीमा विकल्प
कुछ बैंक अब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ मिलकर लॉकर सामग्री के लिए बीमा विकल्प भी देते हैं। यदि आप कीमती चीजें जैसे सोना या एंटीक आइटम्स रख रहे हैं तो बीमा लेना समझदारी है।(Photo: Canva)

एक्सेस के नियम
लॉकर का उपयोग बैंक के कामकाजी घंटों में ही किया जा सकता है। हर विजिट का रिकॉर्ड बैंक जर्नल या बायोमेट्रिक के जरिए रखता है।(Photo: Canva)

संयुक्त स्वामित्व और नामिनी
लॉकर को संयुक्त रूप से भी लिया जा सकता है और नामिनी (उत्तराधिकारी) भी नियुक्त किया जा सकता है। दोनों जॉइंट होल्डर अपनी सुविधा अनुसार लॉकर का उपयोग कर सकते हैं।(Photo: Canva)

मृत्यु के बाद प्रक्रिया
लॉकर होल्डर की मृत्यु के बाद, आवश्यक दस्तावेज जमा करने पर लॉकर की सामग्री नामिनी को ट्रांसफर कर दी जाती है।(Photo: Canva)

आरबीआई के नए नियम
2021 में आरबीआई ने लॉकर के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसमें स्टैंडर्ड एग्रीमेंट फॉर्म का प्रयोग अनिवार्य है और लॉकरधारक को कम से कम 5 साल में एक बार लॉकर विजिट करना जरूरी है।(Photo: Canva)

निष्क्रिय लॉकर
यदि लॉकर 5 साल तक उपयोग नहीं किया गया तो बैंक नोटिस देकर लॉकर खोल सकता है और आगे की कार्रवाई कर सकता है।(Photo: Canva)

बैंक की जिम्मेदारी
यदि बैंक की लापरवाही से लॉकर की सामग्री को नुकसान होता है, तभी बैंक जिम्मेदार माना जाएगा। अन्यथा, नुकसान की जिम्मेदारी ग्राहक की होती है।(Photo: Canva)

लॉकर लेना है या नहीं
अगर आपके पास ऐसी कीमती चीजें हैं जिन्हें आप घर पर सुरक्षित नहीं रख सकते, तो बैंक लॉकर अच्छा विकल्प है। लेकिन किराया, सीमित एक्सेस और बीमा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लें।(Photo: Canva)

नोट: लॉकर एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें और अपनी आवश्यकता के अनुसार ही लॉकर लें।

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