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Holiday Loans: 27% लोग छुट्टियां मनाने के लिए लेते हैं लोन, कितना सही है ये तरीका?

Holiday Loans: भारत में छुट्टियां मनाने के लिए पर्सनल लोन लेने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में। लेकिन क्या महंगी ब्याज दरों और कर्ज के जाल के खतरे के बीच यह फैसला सही है? जानिए इसका जवाब।

अपडेटेड Aug 05, 2025 पर 15:10
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Holiday Loans: त्योहारी सीजन और छुट्टियों के करीब आते ही लोग फैमिली वेकेशन की प्लानिंग करने लगते हैं। महंगे ट्रैवल खर्चों को पूरा करने के लिए कई लोग पर्सनल लोन लेने लगे हैं। लेकिन ये सुविधा जितनी आसान लगती है, इसके पीछे छिपे आर्थिक खतरे उतने ही गंभीर हो सकते हैं।

छुट्टियों के लिए लोन का चलन बढ़ा
Paisabazaar के एक सर्वे के मुताबिक, 27% लोगों ने अपने वेकेशन फंडिंग के लिए पर्सनल लोन का सहारा लिया। यह दिखाता है कि अब लोग छुट्टियों को जरूरी खर्च मानने लगे हैं। आकर्षक ट्रैवल पैकेज और आसान लोन प्रोसेस इसकी वजह हैं।

Gen Z और मिलेनियल्स की भागीदारी सबसे ज्यादा
20-30 साल की उम्र वाले युवा यानी Gen Z इस ट्रेंड को तेजी से अपना रहे हैं। इनकी हिस्सेदारी 2023 में 14% से बढ़कर 2025 में 29% हो गई। वहीं, मिलेनियल्स की हिस्सेदारी 47% है, जो सबसे अधिक है।

छोटे अमाउंट के लोन की मांग बढ़ी
2025 में 1 से 3 लाख के बीच के पर्सनल लोन की डिमांड 13% से बढ़कर 30% हो गई। ₹50,000 से कम और ₹50,000-1 लाख की कैटेगरी में भी डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली। लोग अब कम रकम के लोन लेकर जल्दी चुकाने की सोचते हैं।

प्राइवेट सेक्टर वर्कर्स सबसे बड़े कर्जदार
इन लोन लेने वालों में 65% लोग प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले हैं। इनकी स्थिर इनकम और क्रेडिट एक्सेस उन्हें आसानी से लोन दिला देती है। यही वजह है कि यह वर्ग सबसे आगे है।

छुट्टी के लोन पर भारी ब्याज दरें
इन पर्सनल लोन पर ब्याज दरें 10% से 20% के बीच होती हैं। ₹1 लाख के लोन पर 3 साल में ₹30,000 से ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। ये रकम आपकी मासिक बचत को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।

कर्ज के जाल में फंसने का खतरा
जब बजट पहले से ही तंग हो और ऐसे में लोन ले लिया जाए तो आप फाइनेंशली फंस सकते हैं। अचानक नौकरी जाने या मेडिकल इमरजेंसी में किस्तें चुकाना मुश्किल हो जाता है। इससे क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है।

बचत के जरिये ट्रैवल बेहतर विकल्प
अगर आप हर महीने ₹5,000 से ₹10,000 की बचत करते हैं, तो साल भर में ₹60,000 से ₹1.2 लाख जुटाए जा सकते हैं। इससे आप बिना कर्ज लिए डोमेस्टिक या बजट इंटरनेशनल ट्रिप कर सकते हैं। इस तरह के फाइनेंशियल डिसिप्लिन को बनाए रखना जरूरी है।

ऑफ-सीजन ट्रैवल से खर्च घटाएं
पीक सीजन में ट्रैवल महंगा होता है, लेकिन ऑफ-सीजन में वही ट्रिप सस्ता पड़ सकता है। होटल्स और फ्लाइट्स में भारी डिस्काउंट मिलते हैं। इससे लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। आप अपनी बचत के सहारे ही छुट्टियां मना सकते हैं।

म्यूचुअल फंड SIP और RD का सहारा लें
छुट्टियों के लिए रेगुलर सेविंग जरूरी है। म्यूचुअल फंड SIP या बैंक की RD जैसे टूल्स मदद कर सकते हैं। इनसे सेविंग तो होती है, साथ-साथ अच्छा ब्याज या रिटर्न भी मिलता है।

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लाइफस्टाइल लोन से बचें
अगर आज छुट्टियों के लिए लोन लिया, तो कल गैजेट्स, शादी या फैशन के लिए भी लोन लेने की आदत बन सकती है। इससे वित्तीय अनुशासन टूट जाता है। यही आदत लंबे समय में आर्थिक अस्थिरता का कारण बनती है। आप कर्ज के जाल में भी फंस सकते हैं। इसलिए सजग रहना जरूरी है।