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Retirement Planning: कम सैलरी है? फिर भी बन जाएगा बड़ा रिटायरमेंट फंड, बस इन बातों का रखें ध्यान

Retierment Planning: कम सैलरी में भी क्या बड़ा रिटायरमेंट फंड बन सकता है? जवाब है हां। जानिए ऐसे छोटे-छोटे स्मार्ट स्टेप्स, जो आपकी बचत को बना सकते हैं करोड़ों का फंड, वो भी बिना हाई इनकम के।

अपडेटेड Jul 15, 2025 पर 22:31
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Retierment Planning: अगर आपकी सैलरी कम है तो भी रिटायरमेंट के लिए मोटा फंड बनाना नामुमकिन नहीं है। जरूरत है सिर्फ सही प्लानिंग, समय पर निवेश और थोड़ी-सी फाइनेंशियल अनुशासन की। कम इनकम वाले लोग भी अगर शुरुआत जल्दी करें तो कंपाउंडिंग का फायदा उठा सकते हैं। यहां बताए गए छोटे-छोटे कदम लंबे समय में बड़ा फर्क ला सकते हैं।

1. जल्दी निवेश शुरू करें
आप जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा कंपाउंडिंग से मिलेगा। भले ही शुरुआत में रकम कम हो, समय के साथ वह फंड बड़ा बन सकता है। नौकरी की शुरुआत में ही रिटायरमेंट फंड के लिए तैयारी करना सबसे फायदेमंद होता है।

2. हर महीने एक तय रकम बचाएं
कम सैलरी में भी आप एक छोटी-सी तय रकम सेविंग के लिए रख सकते हैं। मकसद है- आदत बनाना, न कि शुरुआत में ही बड़ी रकम जोड़ना। ₹500 से भी शुरुआत करें, लेकिन नियमितता बनाए रखें।

3. EPF और PPF पर फोकस रखें
अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो EPF में योगदान बना रखें और उसे बीच में न छेड़ें। इसके अलावा PPF भी लंबी अवधि के सुरक्षित निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प है। ये दोनों स्कीमें टैक्स बचत के साथ स्थिर रिटर्न देती हैं।

4. SIP से बनाएं अनुशासन
SIP (Systematic Investment Plan) से आप हर महीने छोटी रकम म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह मार्केट रिस्क को लंबी अवधि में संतुलित करता है और फंड ग्रोथ को आसान बनाता है। कम इनकम वालों के लिए यह निवेश का सबसे अनुशासित तरीका है।

5. एक्स्ट्रा इनकम को सेविंग में डालें
अगर आपको सालाना बोनस या साइड इनकम मिलती है, तो उसे खर्च करने की बजाय सेव करें। इससे अचानक एक बड़ी रकम रिटायरमेंट फंड में जुड़ सकती है। ऐसी रकम को लॉन्ग टर्म लॉक-इन स्कीम में लगाएं।

6. फालतू खर्च घटाएं
कम सैलरी में फालतू खर्च कट करना और हर महीने का बजट बनाना बेहद जरूरी है। आप जितना ज्यादा बचा पाएंगे, उतना ज्यादा निवेश कर सकेंगे। बजटिंग से आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर बना सकते हैं।

7. इंश्योरेंस लेना न भूलें
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस लेना फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए जरूरी है। क्योंकि मेडिकल इमरजेंसी या किसी अनहोनी से आपकी बचत और निवेश दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। कम प्रीमियम वाली बेसिक पॉलिसी भी काफी मददगार साबित हो सकती है।

8. समय-समय पर रिव्यू करते रहें
हर साल अपने निवेश और फाइनेंशियल टारगेट की समीक्षा करें। अगर आपकी इनकम बढ़ी है, तो निवेश की रकम भी बढ़ाएं। रिव्यू से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या आप सही दिशा में जा रहे हैं।