डेडलाइन नजदीक, गलती न करें
ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है।
इस बार 1.65 लाख केस स्क्रूटनी में गए हैं।
मतलब सिर्फ रिटर्न फाइल करना ही काफी नहीं है।
TDS और इनकम में मिसमैच
अगर Form 26AS या AIS में दिखाया गया TDS आपकी डिक्लेयर इनकम से नहीं मिलता, तो नोटिस आ सकता है।
ये गलती अक्सर सैलरी वालों और फ्रीलांसरों से होती है।
गलत डिडक्शन क्लेम करना
सेक्शन 80C, 80D या HRA में झूठा या ज्यादा क्लेम किया तो मामला गड़बड़ हो सकता है।
50% तक पेनल्टी या झूठे कागज़ पर 200% तक जुर्माना लग सकता है।
हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन छुपाना
10 लाख से ज्यादा कैश डिपॉजिट,
2 लाख से ऊपर क्रेडिट कार्ड पेमेंट,
1 लाख से ऊपर का शेयर निवेश – ये सब ITR में दिखाना जरूरी है।
इनकम में अचानक गिरावट
अगर आपकी इनकम अचानक बहुत कम हो गई है तो विभाग सवाल पूछ सकता है।
ऐसे में सैलरी स्लिप या जॉब लॉस लेटर जैसे डॉक्यूमेंट जरूरी होंगे।
जॉब बदलते समय खुलासा न करना
दो नियोक्ता से मिली इनकम सही से जोड़कर न बताने पर गड़बड़ हो सकती है।
डिडक्शन दोनों जगह से क्लेम करना red flag बन सकता है।
फर्जी एंट्री और छिपे अकाउंट
नकली एंट्री, छुपे बैंक अकाउंट या फर्जी डॉक्यूमेंट पकड़े जाने पर कड़ी सज़ा।
सेक्शन 271AAD में भारी जुर्माने का प्रावधान है।
गलत ITR फॉर्म चुनना
गलत फॉर्म भरने से इनकम कम या गलत रिपोर्ट हो सकती है।
नतीजा—नोटिस और पेनल्टी दोनों।
नोटिस आने पर क्या करें
पहले देखें नोटिस असली है और उसमें DIN नंबर है।
समझें किस सेक्शन में नोटिस आया है (जैसे 139(9) या 143(2))।
सभी डॉक्यूमेंट तैयार रखें।
जरूरत लगे तो टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें।
तय समय पर जवाब देना जरूरी है।