ITR Filing 2025: इनकम टैक्स को लेकर अक्सर कई तरह की गलतफहमियां फैली रहती हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि सिर्फ अमीरों को टैक्स देना पड़ता है, तो कुछ मानते हैं कि गिफ्ट पर हमेशा टैक्स लगता है। हकीकत यह है कि ऐसे कई मिथ हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
1. सिर्फ अमीरों को देना पड़ता है टैक्स
अक्सर माना जाता है कि टैक्स केवल अमीर या बड़े कारोबारियों को ही देना पड़ता है। लेकिन हकीकत यह है कि इनकम टैक्स उन सभी लोगों पर लागू होता है, जिनकी सालाना आय छूट सीमा से ज्यादा है। इसमें नौकरीपेशा लोग, फ्रीलांसर, छोटे व्यापारी और निवेश से कमाने वाले सभी शामिल होते हैं। इसलिए टैक्स केवल अमीरों तक सीमित नहीं है।
2. परिवार से मिला हर गिफ्ट टैक्सेबल होता है
कई लोगों की एक बड़ी गलतफहमी यह है कि गिफ्ट हमेशा टैक्स के दायरे में आते हैं। जबकि सच यह है कि परिवार के खास रिश्तेदारों जैसे माता-पिता, भाई-बहन और जीवनसाथी से मिले गिफ्ट पूरी तरह टैक्स-फ्री होते हैं। वहीं गैर-रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट 50,000 रुपये तक ही टैक्स-फ्री हैं। अगर इससे ज्यादा मिलते हैं तो पूरा अमाउंट टैक्सेबल हो जाता है।
3. टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करना जरूरी नहीं होता
बहुत से लोग मानते हैं कि टैक्स बचाने के लिए निवेश करना वैकल्पिक है और इसका कोई खास फायदा नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर आप सेक्शन 80C के तहत निवेश नहीं करते, तो आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है। PPF, ELSS और LIC जैसे विकल्प आपकी टैक्सेबल इनकम घटाने में मदद करते हैं। सही प्लानिंग से आप हर साल 1.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं।
4. डेडलाइन मिस की तो ITR फाइल नहीं कर सकते
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर तय तारीख निकल गई तो ITR फाइल करना नामुमकिन है। लेकिन ऐसा नहीं है, आप दिसंबर 31 तक लेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। हालांकि इसमें पेनल्टी और ब्याज लग सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि जितनी जल्दी हो सके, रिटर्न फाइल कर दी जाए।
5. नियोक्ता ने TDS काटा तो ITR की जरूरत नहीं
कई लोग मानते हैं कि जब नियोक्ता ने TDS काट लिया है तो ITR फाइल करना जरूरी नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि ITR फाइल करना आपकी जिम्मेदारी है अगर आपकी आय बेसिक छूट सीमा से ऊपर है। TDS केवल एडवांस टैक्स का तरीका है। ITR फाइल करने से आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं और लॉस कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं।
6. टैक्स के दायरे में नहीं आते तो ITR की जरूरत नहीं
एक आम धारणा यह भी है कि अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते, तो ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, ऐसा नहीं है। अगर इनकम कम है, तो भी आप जीरो ITR फाइल कर सकते हैं। इससे लोन लेने और वीजा मिलने में आसानी होती है। साथ ही, आप की वित्तीय रिकॉर्ड भी बनते जाता है।