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Gold vs FD vs Stock: गोल्ड, FD, स्टॉक के बदले कैसे लें लोन, कौन-सा विकल्प रहेगा सबसे सही?

Gold vs FD vs Stock: अगर आपको निवेश बेचे बिना कैश चाहिए, तो FD, सोना या शेयर के बदले लोन लिया जा सकता है। तीनों विकल्पों की शर्तें, ब्याज दरें और जोखिम अलग हैं। जानिए कौन-सा आपके लिए सबसे बेहतर रहेगा।

अपडेटेड Jul 21, 2025 पर 22:06
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FD vs Gold vs Stock: अगर आप निवेश बेचे बिना नकद जुटाना चाहते हैं, तो मौजूदा संपत्तियों के बदले लोन लेना समझदारी भरा कदम हो सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), सोना और शेयर पर आप आसानी से लोन ले सकते हैं। लेकिन इनकी शर्तें, जोखिम और ब्याज दरें अलग-अलग हैं। आइए जानते हैं कि तीनों में किस पर लोन लेना ज्यादा सही रहेगा।

FD पर लोन: सुरक्षित और सस्ता विकल्प
फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले बैंक FD वैल्यू का 90–95% तक लोन देते हैं। ब्याज दर FD के मुकाबले केवल 1–2% अधिक होती है, जिससे यह किफायती बनता है। कम दस्तावेजों और तेज़ प्रोसेसिंग के कारण यह विकल्प सुविधाजनक है।

गोल्ड पर लोन: जल्दी कैश की जरूरत हो तो बढ़िया
गहनों या सिक्कों को गिरवी रखकर 75% तक लोन मिल सकता है। ब्याज दर 9% से 14% के बीच रहती है और प्रोसेसिंग तेज होती है। सोने की कीमत में गिरावट आने पर बैंक अतिरिक्त सुरक्षा भी मांग सकते हैं।

शेयरों पर लोन: बाजार जोखिम के साथ
लिस्टेड शेयर या म्यूचुअल फंड्स को गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है। LTV लगभग 50% रहता है और ब्याज दर 10–13% तक होती है। अगर शेयरों की वैल्यू गिरती है, तो अतिरिक्त मार्जिन देना पड़ सकता है।

LTV यानी लोन-टू-वैल्यू समझना जरूरी है
FD पर LTV सबसे ज़्यादा (90–95%) मिलता है, गोल्ड पर मध्यम (75%) और शेयर पर सबसे कम (50%)।
LTV बताता है कि आप गिरवी रखी संपत्ति पर कितना लोन पा सकते हैं। कम LTV का मतलब ज्यादा सुरक्षा, लेकिन कम रकम मिलना।

ब्याज दरों की तुलना से लें सही फैसला
FD पर लोन की दर सबसे कम (FD+1–2%) होती है। सोने पर लोन थोड़ा महंगा है, जबकि शेयर पर सबसे अधिक ब्याज देना पड़ सकता है। ब्याज दर के आधार पर आपको कुल रीपेमेंट का अंदाजा लगेगा।

किस विकल्प को चुनें: जरूरत के अनुसार फैसला लें
अगर आप कम ब्याज और झंझटमुक्त प्रक्रिया चाहते हैं तो FD पर लोन सही रहेगा। फौरन पैसे की जरूरत है और घर में गहने पड़े हैं तो गोल्ड लोन पर जाएं। शेयरों पर लोन तभी लें जब आप बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम उठा सकें।