भारत में बहुत से ब्रांड बदले, कई नए आए और कई गायब हो गए। लेकिन कुछ ब्रांड ऐसे हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के साथ बने रहे।
भारत में बहुत से ब्रांड बदले, कई नए आए और कई गायब हो गए। लेकिन कुछ ब्रांड ऐसे हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के साथ बने रहे। ये ब्रांड सिर्फ प्रोडक्ट नहीं, बल्कि यादों का हिस्सा भी हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही मशहूर ब्रांड्स के बारे में।
बोरोलीन (Boroline)
1929 में कोलकाता से शुरू हुआ Boroline सिर्फ क्रीम नहीं, बल्कि भरोसे का नाम बन गया। हरे पैक और हाथी वाले लोगो वाली ये एंटीसेप्टिक क्रीम आज भी स्किन केयर का पक्का हिस्सा है।
रूह अफ्जा (Rooh Afza)
1907 में पुरानी दिल्ली से शुरू हुआ Rooh Afza गर्मियों की ठंडी यादें ताजा कर देता है। गुलाब, केवड़ा और जड़ी-बूटियों से बना ये शर्बत आज भी हर घर की प्यास बुझाता है।
कैवेंटर्स (Keventers)
1889 में शुरू हुआ Keventers पहले दूध और डेयरी प्रोडक्ट के लिए जाना जाता था। 2014 में इसे फिर से मिल्कशेक ब्रांड के रूप में लॉन्च किया गया और यह युवाओं का नया फेवरेट बन गया।
पारलेजी (Parle-G)
1930 के दशक से Parle-G हर घर का हिस्सा रहा है। पीली पैकेट वाली ग्लूकोज बिस्किट चाय के साथ हो या बच्चों की टिफिन में आज भी उतनी ही पॉपुलर है।
सिपला (Cipla)
1935 में शुरू हुई Cipla का मकसद था सस्ती दवाएं बनाना। इसने HIV जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं कम कीमत पर देकर दुनिया भर में नाम कमाया।
गोदरेज (Godrej)
1897 में शुरू हुआ गोदरेज ताले और सेफ के लिए मशहूर हुआ। फिर अलमारी, फर्नीचर और साबुन तक का सफर तय किया। भरोसे और मजबूती की पहचान आज भी यही है।
वैडिलाल (Vadilal)
1907 में अहमदाबाद से शुरू हुई Vadilal आइसक्रीम और मिठाई के लिए जानी जाती है। पारंपरिक स्वाद और नए फ्लेवर ने इसे हर उम्र का फेवरेट बना दिया।
क्यों खास हैं ये ब्रांड
इन ब्रांड्स की खासियत है कि इन्होंने समय के साथ बदलना सीखा। पुरानी यादों और नई सोच का मेल ही इन्हें आज भी टॉप पर रखता है।
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