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नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी? किसे मिलता है बैंक अकाउंट का पैसा, जानिये RBI के नियम

आज हर किसी के पास बैंक अकाउंट होता है। बैंक अकाउंट में सैलरी, सब्सिडी, इंटरेस्ट सब आता है। लेकिन क्या आपने अपने अकाउंट में नॉमिनी जोड़ा है? यह छोटा-सा कदम आपके परिवार को भविष्य में बड़े कानूनी झंझट और आर्थिक परेशानियों से बचा सकता है। आइए बैंक अकाउंट में नॉमिनी जोड़ना क्यों जरूरी है

अपडेटेड Sep 17, 2025 पर 16:13
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क्या आपने अपने अकाउंट में नॉमिनी जोड़ा है?

आज के डिजिटल जमाने में बैंक अकाउंट सिर्फ जरूरत नहीं बल्कि मजबूरी है। सैलरी से लेकर सरकारी सब्सिडी तक हर काम अकाउंट से ही होता है।

लेकिन सोचिए अगर अकाउंट होल्डर की अचानक मौत हो जाए तो अकाउंट का पैसा किसे मिलेगा? जवाब है –नॉमिनी को।

नॉमिनी वो व्यक्ति है जिसे आप बैंक में लिखित रूप से अधिकृत करते हैं कि आपकी गैर-मौजूदगी में वह अकाउंट का पैसा ले सकता है।

RBI और बैंक अब नॉमिनी डिटेल देना लगभग अनिवार्य बना चुके हैं। यह कदम परिवार को लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचाता है।

नॉमिनी कोई भी करीबी हो सकता है जैसे पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहन। इससे पैसा सही व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाता है।

नॉमिनी दर्ज होने पर क्लेम आसान है। सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट और आईडी प्रूफ देना होता है। बैंक सीधे बैलेंस ट्रांसफर कर देता है।

अगर नॉमिनी दर्ज नहीं है, तो मामला उलझ जाता है। पैसे पाने के लिए सक्सेशन सर्टिफिकेट और कोर्ट के प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।

बैंक अकाउंट खोलना जरूरी है, लेकिन नॉमिनी जोड़ना और भी जरूरी है। यह छोटा कदम परिवार को कानूनी और आर्थिक मुश्किलों से बचा सकता है।