EV Policy से खुलेंगे दरवाजे, Tesla-BYD-VinFast जैसी विदेशी कंपनियों के आने की भी संभावना
केंद्र सरकार ने हाल ही में E-Vehicle Policy को मंजूरी दी है वहीं देश में ऑटो सेक्टर इन दिनों काफी उछाल पर है इस बीच इंडस्ट्री के विश्लेषकों के अनुसार, बैटरी चालित यात्री कारों के लिए नई नीति से टेस्ला, BYD, विनफास्ट ऑटो, फिस्कर आदि जैसे Foreign Original Equipment Manufacturers (OEMs) को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है
नई नीति से टेस्ला, BYD, विनफास्ट ऑटो, फिस्कर आदि जैसे Foreign Original Equipment Manufacturers (OEMs) को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Auto Sector: केंद्र सरकार ने हाल ही में E-Vehicle Policy को मंजूरी दी है। वहीं देश में ऑटो सेक्टर इन दिनों काफी उछाल पर है। साथ ही ईवी मार्केट में भी उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे समय में जब महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), टाटा मोटर्स, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड और एमजी मोटर इंडिया (आंशिक रूप से जेएसडब्ल्यू समूह के स्वामित्व वाली) जैसे वाहन निर्माता देश में अपने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं, इस बीच इंडस्ट्री के विश्लेषकों के अनुसार, बैटरी चालित यात्री कारों के लिए नई नीति से टेस्ला, BYD, विनफास्ट ऑटो, फिस्कर आदि जैसे Foreign Original Equipment Manufacturers (OEMs) को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
E-Vehicle Policy
केंद्र सरकार ने 15 मार्च को E-Vehicle Policy को मंजूरी दी, जिसमें वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के लिए तीन साल की समय सीमा के साथ-साथ न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा, पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (CPU) पर 15 प्रतिशत की कम सीमा शुल्क का लाभ उठाने के लिए भारत में प्रवेश के तीसरे वर्ष तक 25 प्रतिशत और पांचवें वर्ष तक 50 प्रतिशत का स्थानीयकरण स्तर अनिवार्य है।
ईवी अपनाने में होगी आसानी
यह लागत, बीमा और माल ढुलाई शुल्क सहित न्यूनतम 35,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) कीमत वाली कारों पर लागू होगा। ऑटो उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को वैश्विक टेक्नॉलोजी तक पहुंचने, उत्पाद रेंज का विस्तार करने और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने में मदद मिलेगी, जिससे ऑटो अनुसंधान विश्लेषकों के अनुसार ईवी को अपनाने में आसानी होगी।
टेस्ला के लिए दरवाजे खुले
ऑटो उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि नई नीति EV मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है और विदेशी निवेश लाएगी, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगी और उपभोक्ताओं को ईवी विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगी। जैसा कि ऑटोमोटिव डेटा इंटेलिजेंस फर्म JATO डायनेमिक्स इंडिया के एमडी रवि भाटिया कहते हैं, ''35,000 डॉलर और उससे अधिक कीमत वाले EV पर 15 प्रतिशत का कम आयात कर टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए स्थानीय विनिर्माण में निवेश करने के लिए एक स्पष्ट प्रोत्साहन है। इससे बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है, आखिर में उपभोक्ताओं को विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला और संभावित रूप से कम कीमतों का लाभ मिलेगा।''
भारतीय ग्राहकों के पास होगा विकल्प
8 नवंबर, 2023 को मनीकंट्रोल ने एक रिपोर्ट में बताया था कि टेस्ला पहले चरण में यूरोप से अपनी इलेक्ट्रिक कारों का आयात करेगी। बाद में मनीकंट्रोल के जरिए यह विशेष रूप से रिपोर्ट किया गया था कि अमेरिकी ईवी निर्माता वैश्विक बाजारों के लिए जर्मनी और भारत में अपनी सबसे सस्ती कार-मॉडल 2- बनाने का इरादा रखता है। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल ने कहा, "कई कार निर्माता, जो असमंजस में बैठे हैं, अब भारत में प्रवेश करना चाहेंगे। भारतीय उपभोक्ताओं के पास भारतीय सड़कों पर वैश्विक प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का विकल्प होगा।"